इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए वैज्ञानिक अनिल कुमार, नकली CBI और ED अधिकारी बनकर ठग लिए 75 लाख
इंदौर में एक साइंटिस्ट साइबर ठगी का शिकार हुए हैं. ठगों ने साइंटिस्ट और उनके परिवार से 75 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया है. मिली जानकारी अनुसार नकली ईडी और सीबीआई अधिकारी बनकर इस साइबर क्राइम को अंजाम दिया गया है.;
इंदौरः इन दिनों ऑनलाइन ठगी और साइबर ठगी का कई लोग शिकार हो रहे हैं. वहीं अब राजा रामन्ना प्रगत टेक्नोलॉजी सेंटर के विज्ञानी अनिल कुमार भी इस डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए हैं.
साइबर ठगों ने अनिल कुमार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार करने की धमकी देते हुए इस ठगी को अंजाम दिया है.
नकली CBI और ED के अफसर
साइबर ठगों ने बड़ी ही शातिरता से अनिल कुमार और उसकी पत्नी को सात दिनों तक पहले सर्विालांस पर रखा. वहीं इतना ही नहीं ठगी को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने नकली सीबीआई और ईडी के अफसर बनकर शिकार अनिल कुमार को शिकार बनाया. इस दौरान अनिल को किसी भी तरह का शक न हो इसके लिए उन्होंने अफसरों की तरह वीडियो बनाकर कॉल पर गहरी पूछताछ भी की. इससे पहले भी कुछ साइबर ठगों ने वर्धमान ग्रुप के मालिक SP ओसवाल को ठगा था.
फोन कॉल और फिर की ठगी
मिली जानकारी के अनुसार अनिल कुमार को 1 सितंबर को ठगों का कॉल आया था. जहां 12 बजे अज्ञात नंबर से फोन करते हुए एक व्यक्ति ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताते हुए अपना नाम सुशांत कुमार बताया. विश्वास जमाने के लिए उसने भी जरुरी जानकारी जैसे आधार कार्ड जैसी जानकारी उन्हें दी. जिससे उनपर विश्वास जम जाए. अधिकारी ने कहा कि इस मामले में 300 से अधिक लोग शामिल हैं. वहीं दिल्ली और क्राइम ब्रांच के अधिकारी अलग-अलग जगह छापेमारी कर रहे हैं.
वीडियो कॉल पर निकलवाया पूरा सच
वहीं आरोपियों ने सभी जानकारी निकलवाने के लिए अनिल और उनकी पत्नी को वीडियो कॉल करना शुरू किया. ताकी वह इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए
उनसे जानकारी निकलवा सके. ठगोंद द्वारा पूछताछ का सिलसिला जारी रहा. दोनों पति पत्नी ठगों के सवालों का चार दिनों तक जवाब देते रहे. इसी दौरान फर्जी नोटिस, वारंट सब तरह के आधिकारिक दस्तावेजों को पति-पत्नी को सौंपा गया.
पहले पूछताछ और निकाल ली सारी जानकारी
सवाल पूछते-पूछते ठगों ने इस दौरान दोनों से खातों की जानकारी एकत्र कर ली. यहां तक की उनसे उनकी सभी प्रॉपर्टी की जानकारी भी ली. ये कहते हुए कि सभी बैंक की जानकारी उनसे ले ली गई. अब तक दंपत्ति ने अलग-अलग खाते में 71 लाख 33 हजार 75 रुपये जमा करवा दिए.