MP News: भैंस तो बच गई लेकिन चार की मौत और 15 घायल, जानें कैसे?

ग्वालियर जिले के घाटीगांव क्षेत्र में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से दर्दनाक हादसा हुआ. गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई और इस हादसे में चार आदिवासी लोगों की जान चली गई. सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए यह समझना जरूरी है कि सिर्फ सावधानी ही बचाव है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 2 Dec 2025 11:33 PM IST

सड़क दुर्घटनाएं हमारे देश में एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं. भले ही हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस आंकड़े न हों कि दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन इतना तो तय है कि हर दिन ऐसी खबरें हमारे सामने आती हैं. इन घटनाओं में न केवल लोग अपनी जान गंवाते हैं, बल्कि कई परिवार तबाह हो जाते हैं. भारत में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं. हाल ही में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुई एक घटना ने फिर से इस समस्या की ओर ध्यान खींचा.

14 दिसंबर, 2024 की रात ग्वालियर जिले के घाटीगांव क्षेत्र में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से दर्दनाक हादसा हुआ. यह हादसा तब हुआ जब चालक ने अचानक सड़क पर आई एक भैंस को बचाने की कोशिश की. गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई और इस हादसे में चार आदिवासी लोगों की जान चली गई. पुलिस अधिकारी जीवनलाल माहोर ने जानकारी दी कि मृतकों की पहचान 14 वर्षीय अरुण, 45 वर्षीय फूलवती, 46 वर्षीय रामदास, और 65 वर्षीय कस्तूरी बाई के रूप में हुई है.

घायल हुए कई लोग

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा हाल ही में पब्लिश एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रैक्टर की टक्कर से चार आदिवासी लोगों की मौत हो गई. इस दुर्घटना में 15 से ज्यादा लोग घायल हुए. सभी को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. घायल लोग सहरिया आदिवासी समुदाय से थे, जो पाई खो गांव से जंगल में औषधीय जड़ी-बूटियां इकट्ठा करने गए थे. जड़ी-बूटियां इकट्ठा करने के बाद वे कैत गांव लौट रहे थे, तभी तिलावली चौराहे पर यह हादसा हो गया.

सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल

ग्वालियर में हुई इस घटना ने सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे हादसों को रोकने के लिए जरूरी है कि सड़क पर चलने वाले वाहनों की स्थिति बेहतर हो, चालक सतर्क रहें, और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन हो.

सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए यह समझना जरूरी है कि सिर्फ सावधानी ही बचाव है. इन घटनाओं से सबक लेकर हमें एक सुरक्षित परिवहन व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाना चाहिए.

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