कूनो के बाद अब गांधीसागर अभयारण्य में बढ़ेगी चीतों की आबादी, वन विभाग ने बनाया प्लान, मानसून के बाद दिखेगा बदलाव
Madhya Pradesh: एमपी के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए मादा चीता को लाया जाएगा. वन्यजीव विभाग मानसून के बाद ऐसा करने वाला है. नर चीते अब पर्याप्त शिकार कर रहे हैं और अब अगला कदम प्रजनन प्रक्रिया को शुरू करना है.;
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में स्थित गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. वन्यजीव विभाग मानसून के बाद, यहां पर एक मादा चीता लाने की तैयारी कर रहा है, जिससे देश में चीतों की संख्या बढ़ जाए. इसके लिए अभी ये मादा चीता के रहने की तैयारी की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2025 में 6 साल के नर चीते प्रभाष और पावक को गांधीसागर लेकर आए थे. दोनों को फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका के वॉटरबर्ग बायोस्फीयर रिजर्व से भारत लाया गया था. इसी दिशा में और भी चीतों को लाने की तैयारी है.
चीतों की बढ़ेगी आबादी
चीते प्रभाष और पावक अब बड़े हो गए हैं और शिकार करने की क्षमता भी रखते हैं. चीता परियोजना संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेश गोपाल ने बताया कि कुनो से एक मादा चीता गांधीसागर लाने का फैसला किया गया है. नर चीते अब पर्याप्त शिकार कर रहे हैं और अब अगला कदम प्रजनन प्रक्रिया को शुरू करना है.
उन्होंने कहा कि मई 2023 में एक मादा चीता दक्षा की मौत नर चीतों से हिंसक टकराव में हो गई थी. इस घटना को ध्यान में रखते हुए तैयारी की जा रही है. चीतों पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी. इसके लिए एक वेटनरी टीम बनाई जाएगी.
अभी कितनी है शावक?
कुनो में अभी 19 चीता शावक हैं और वे गर्मी व बारिश के मौसम में अच्छी तरह ढल चुके हैं. इसी को देखते हुए गांधीसागर में भी अपनी ही चीतों की आबादी बढ़ाने की योजना है. एक अनाथ चीता शावक मुखी, जिसे उसकी मां ज्वाला ने छोड़ दिया था, को जंगल में छोड़ने की योजना नहीं है. कुछ समय बाद उसे भी प्रजनन कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है.
गांधीसागर अभयारण्य की खासियत
गांधीसागर अभयारण्य लगभग 2,500 वर्ग किलोमीटर में फैला है. इसमें घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन व नदी किनारे की हरियाली मौजूद है. यहां 10 चीतों को रखने की क्षमता है. चंबल नदी इस अभयारण्य से होकर गुजरती है, जिससे यहां की जैव विविधता और भी समृद्ध होती है. यहां चीतल, नीलगाय, जंगली सुअर, सियार, लोमड़ी, भेड़िया और तेंदुआ जैसे कई वन्यजीव पाए जाते हैं.