डॉक्टर की पढ़ाई छोड़कर बने IAS, 51 करोड़ के जुर्माने को घटाकर 4032 रुपए...Gowda ने दी ये सफाई तो यूजर्स ने किया ट्रोल

एमपी के खंडवा में तैनात IAS अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा पर हरदा जिले में सड़क निर्माण कंपनी पर 51.67 करोड़ रुपए के जुर्माने को घटाकर केवल 4032 रुपए करने का आरोप लगा. आरटीआई कार्यकर्ता ने इसे वित्तीय अनियमितता बताया और सरकार को करोड़ों का नुकसान होने की बात कही. डॉ. गौड़ा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आदेश सभी दस्तावेजों और कानूनी तर्कों के आधार पर पारित किया गया और कोई अनियमितता नहीं हुई. सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल हुआ और यूजर्स ने उन्हें जमकर ट्रोल किया.;

( Image Source:  Social Media )
By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 11 Oct 2025 6:17 PM IST

मध्य प्रदेश के खंडवा के युवा IAS अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा इन दिनों चर्चा में हैं वैसे तो वह अपनी लव स्टोरी को लेकर सुर्खियों में रहते हैं लेकिन इस बीच उन पर लगे आरोपों को लेकर सुर्खियों में है. डॉक्टर की पढ़ाई छोड़कर IAS बनने वाले डॉ. गौड़ा को युवाओं का आदर्श माना जाता है, लेकिन हाल ही में उनके खिलाफ 10 करोड़ की रिश्वत लेने और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे हैं. इस विवाद ने सोशल मीडिया और मीडिया में खलबली मचा दी है और आरोपों का दौर जारी है.

डॉ. गौड़ा ने मीडिया में बयान देते हुए आरोपों को खारिज किया है और कहा कि उनका निर्णय पूरी तरह से उपलब्ध दस्तावेजों और न्यायिक प्रक्रियाओं पर आधारित था.'हरदा में पिछले एडीएम ने जुर्माना नहीं लगाया था, सिर्फ नोटिस जारी किया था. अंतिम सुनवाई मेरे कार्यभार संभालने से पहले हुई थी. तहसीलदार की रिपोर्ट प्रक्रियात्मक रूप से कमजोर थी, पंचनामा अप्रमाणित था और खनन का कोई ठोस सबूत नहीं था.'

हरदा में सड़क निर्माण कंपनी पर जुर्माने का मामला

साल 2023 में हरदा जिले में तत्कालीन अपर कलेक्टर प्रवीण फूलपगारे ने पाथ इंडिया कंपनी को बिना अनुमति 3.11 लाख घन मीटर मुरम मिट्टी की खुदाई के लिए 51.67 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था. इसमें 25.83 करोड़ रुपए जुर्माना और उतनी ही राशि पर्यावरण क्षति शुल्क के रूप में शामिल थी. फूलपगारे के तबादले के बाद डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा हरदा के अपर कलेक्टर बने और सुनवाई के बाद जुर्माने की राशि घटाकर सिर्फ 4032 रुपए कर दी. इस निर्णय ने RTI कार्यकर्ता आनंद जाट के आरोपों को जन्म दिया.

RTI कार्यकर्ता का आरोप

RTI कार्यकर्ता आनंद जाट ने दावा किया कि 51 करोड़ के जुर्माने को घटाकर केवल 4032 रुपए करना “संदेहास्पद” है और इसमें वित्तीय अनियमितता की संभावना है. उनका कहना है कि इससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है. खंडवा जिला पंचायत के सीईओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मैंने सभी दस्तावेजों और अधिवक्ता के तर्कों के आधार पर आदेश पारित किया. किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है.” हरदा कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने भी कहा, “यह निर्णय मजिस्ट्रेट स्तर पर उपलब्ध तथ्यों और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद लिया गया है. किसी को आपत्ति हो तो वह अपील कर सकता है.”

कौन हैं डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा?

डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा कर्नाटक के निवासी हैं और IAS 2019 बैच के अधिकारी हैं. उन्होंने UPSC CSE 2018 में ऑल इंडिया रैंक 418 हासिल की थी. उनकी पत्नी सृष्टि जयंत देशमुख ने AIR 5 पाई थी. दोनों ने 22 अप्रैल 2022 को शादी की. शादी के बाद नागार्जुन गौड़ा ने मणिपुर से मध्य प्रदेश में ट्रांसफर CAT के माध्यम से लिया.

यूजर्स ने किया जमकर ट्रोल

आईएस नागार्जुन गौडा का यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स जमकर ट्रोल कर रहे हैं. Roshani Maurya नाम के एक यूजर ने लिखा कि, आईएस नागार्जुन गौडा अपने ईमानदारी और नैतिकता के लिए जाने जाने वाले आईएस अधिकारी थे. आज आईएस नागार्जुन गौडा पर एक बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. आरोप यह है कि एक अधिकारी पर लगे 51 करोड़ का जुर्माना को मात्र चार हजार रुपए कर दिए, जो वास्तव में जैसा दिखता है ये जरूरी नहीं है कि वो अंदर से भी वैसा ही हो. Anand Yadav नाम के एक यूजर ने लिखा कि, कभी-कभी ईमानदारी का मुखौटा भी अंदर के सच को छुपा नहीं पाता तो वहीं एक यूजर ने लिखा कि, अंदर से हम किसी को नहीं पहचान सकते हैं

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