'30 परसेंट और हुआ तो तुम्हारे घरों की बेटियों को उठा ले जाएंगे', संभल विवाद पर ऐसा क्यों बोले धीरेंद्र शास्त्री
उत्तर प्रदेश के संभल में हो रहे विवाद पर जानें-माने कथावाचक बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बयान दिया है. इन दिनों बाबा 'हिंदू एकता यात्रा' पर निकले हैं जो कि लोगों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए है. बाबा बागेश्वर की यह यात्रा 29 नवंबर को खत्म हो जाएगी. यह छतरपुर के उनके आश्रम से शुरू होकर ओरछा के राम राजा दरबार तक जाएगी.;
मध्य प्रदेश के जानें-माने कथावाचक बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों 'हिंदू एकता यात्रा' के माध्यम से लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के संभल में हुए विवाद को लेकर एक विवादित बयान दिया. बाबा बागेश्वर ने कहा, "अभी वे 20 फीसदी हैं तो पत्थरबाजी कर रहे हैं, 50 पर्सेट हो गए तो बेटियों को उठा ले जाएंगे."
उन्होंने हिंदुओं से एकता बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि यदि हम एक साथ नहीं हुए, तो आने वाले समय में गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं.
संभल की घटना: धार्मिक स्थल पर विवाद और भड़की हिंसा
संभल में तनाव तब शुरू हुआ जब स्थानीय अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वे किया गया. हिंदू पक्ष का दावा है कि इस मस्जिद से पहले यहां पर हरिहर मंदिर था. रविवार को जब दोबारा सर्वेक्षण के लिए टीम पहुंची, तो हिंसा भड़क उठी. इस दौरान पत्थराव और गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
बाबा बागेश्वर की अपील: जाति से ऊपर उठकर एकता का संदेश
यात्रा के दौरान न्यूज 18 से बातचीत में बाबा बागेश्वर ने कहा, 'अभी तो हमारा फोकस एकता पर है. हम हिंदुओं को बताना चाहते हैं कि 20 पर्सेट में वो पत्थरबाजी कर रहे हैं, 50 हो जाएंगे तो तुम्हारे घरों की बेटियों को उठा ले जाएंगे.' उन्होंने कहा कि संभल के उपद्रवियों को जेलर के हाथ सौंपने की जरूरत है."
अपनी यात्रा के दौरान बाबा ने आगे कहा, "यदि भारत को बांग्लादेश बनने से रोकना है, तो हिंदुओं को जात-पात से ऊपर उठकर एक होना होगा." उन्होंने यह भी कहा कि भारत में 100 करोड़ हिंदू हैं, और एक करोड़ को सड़कों पर आकर अपनी एकजुटता दिखानी चाहिए. इस यात्रा का उद्देश्य न केवल धार्मिक एकता को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को भी समाप्त करना है.
संजय दत्त की मौजूदगी
इस यात्रा में बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी शामिल हुए. उनकी उपस्थिति ने यात्रा को और अधिक चर्चा में ला दिया. बाबा बागेश्वर की यह यात्रा 29 नवंबर को खत्म हो जाएगी. यह छतरपुर के उनके आश्रम से शुरू होकर ओरछा के राम राजा दरबार तक जाएगी.
धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद भारत में कोई नई बात नहीं है. जरूरत है कि इन मुद्दों को सुलझाने के लिए संवाद और समझ का सहारा लिया जाए, न कि हिंसा और भड़काऊ बयानों का.