पहलगाम हमले से खुश नौशाद पहले भी देवी देवताओं पर कर चुका है अभद्र टिप्पणी, उसका मकसद हिंसा
झारखंड के बोकारो से उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर खुलेआम खुशी जताई थी. मोहम्मद नौशाद उर्फ कासिम, जो खुद को 'इस्लाम का वकील' बताता है, अब कानून के शिकंजे में है. जहां पूरे देश में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या पर ग़म और गुस्सा है.;
झारखंड के बोकारो से उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर खुलेआम खुशी जताई थी. मोहम्मद नौशाद उर्फ कासिम, जो खुद को 'इस्लाम का वकील' बताता है, अब कानून के शिकंजे में है. जहां पूरे देश में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या पर ग़म और गुस्सा है, वहीं इस शख्स ने सोशल मीडिया पर जश्न जैसी पोस्ट की. इसके बाद एसआईटी ने रातभर ऑपरेशन चलाकर बुधवार सुबह उसे धर दबोचा.
नौशाद के सोशल मीडिया हैंडल्स X (ट्विटर), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर नजर डालें तो वहां भड़काऊ, सांप्रदायिक और विवादित पोस्ट्स की भरमार है. पहले भी कई बार देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणियां, रामनवमी पर हिंसा को उकसाने और पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द लिखने को लेकर उसकी शिकायतें पुलिस तक पहुंच चुकी थीं.लेकिन गिरफ्तारी तब हुई, जब उसने पहलगाम में धार्मिक पहचान के आधार पर हुई हत्याओं को पाकिस्तान और लश्कर का 'धन्यवाद' कहकर महिमामंडित किया.
कौन हैं नौशाद?
झारखंड के बोकारो के नौशाद की बात करें तो मखदुमपुर में पिता के साथ रहता है. इसका एक भाई दुबई में, उसी के नाम पर चल रहे सिम से सोशल मीडिया अकाउंट्स है. इसने पढ़ाई बिहार के एक मदरसे से धार्मिक शिक्षा की है. जो 35 साल का है.
पुलिस की SIT अब नौशाद से पूछताछ कर रही है. ये जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या वह किसी अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क से जुड़ा है, या सिर्फ सोशल मीडिया पर सस्ता उकसावा बन चुका है? लेकिन इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा किया है. सोशल मीडिया पर 'हेट स्पीच' करने वाले कितने नौशाद और घूम रहे हैं? और क्या सिस्टम को तब ही जगना चाहिए जब खून बह जाए?