सीने पर पोल गिरा और... रोहतक में 16 वर्षीय खिलाड़ी की बास्केटबॉल कोर्ट में मौत, CCTV में कैद हुआ हादसे का खौफनाक Video
हरियाणा के रोहतक में 16 वर्षीय राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक की मौत ने पूरे खेल जगत को झकझोर दिया है. अभ्यास के दौरान बास्केटबॉल का पोल जड़ से उखड़कर उसके सीने पर गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. CCTV फुटेज में हार्दिक अकेले अभ्यास करता दिखा और दूसरी छलांग में पोल उसके ऊपर आ गिरा. हाल ही में नेशनल कैंप से लौटा हार्दिक भारत के लिए खेलने का सपना देख रहा था. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.;
हरियाणा के रोहतक में एक राष्ट्रीय स्तर के उभरते खिलाड़ी की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है. मात्र 16 वर्ष की उम्र में, भारत बास्केटबॉल के भविष्य के रूप में देखे जा रहे हार्दिक की जिंदगी एक ऐसी लापरवाही की भेंट चढ़ गई, जिसकी कल्पना भी कठिन है. खराब और ढीले खड़े पोल ने उसकी मेहनत, संघर्ष और सपनों को एक पल में खत्म कर दिया. यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि खेल ढांचे की विफलता का एक दर्दनाक उदाहरण है.
और यही त्रासदी बमुश्किल 24 घंटे बाद बहादुरगढ़ में फिर दोहराई गई, जब 15 वर्षीय अमन की जान भी ऐसे ही गिरे पोल की वजह से चली गई. दो टैलेंटेड खिलाड़ियों की लगातार मौतों ने न सिर्फ हरियाणा के खेल विभाग की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पूरे देश को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे युवा खिलाड़ियों की सुरक्षा सिर्फ किस्मत पर निर्भर है?
अकेले अभ्यास के दौरान मौत
रोहतक के लखन मजरा में हार्दिक रोज की तरह अभ्यास कर रहा था. CCTV फुटेज में वह दो बार रिम को छूने की कोशिश करता दिखता है. दूसरी बार जैसे ही वह रिम पकड़ता है, पोल अपनी जड़ से उखड़कर सीधा उसके सीने पर गिर जाता है. पोल की पूरी ताक़त उसके शरीर पर पड़ती है और वह कोर्ट पर गिर जाता है. कुछ ही सेकंड में साथी लड़के दौड़कर आते हैं, पोल उठाते हैं लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है.
ताज़ा कैम्प से लौटा था हार्दिक
स्थानीय लोगों ने बताया कि हार्दिक हाल ही में नेशनल कैंप से लौटा था और भारत के लिए खेलने का उसका सपना बेहद करीब था. पिता संदीप राठी ने अपने दोनों बेटों को प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए स्पोर्ट्स क्लब में दाखिला दिलाया था. परिवार को उम्मीद थी कि हार्दिक राज्य और देश के लिए मेडल लाएगा, लेकिन एक पोल की लापरवाही उसकी जिंदगी छीन ले गई.
15 साल का अमन भी नहीं बच सका
इस दर्दनाक घटना के अगले ही दिन बहादुरगढ़ के स्टेडियम में अभ्यास कर रहे अमन पर भी बास्केटबॉल का पोल गिर गया. अमन को गंभीर चोटें आईं और उसे रोहतक PGIMS में भर्ती कराया गया, जहाँ उसकी मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिला. अमन 10वीं कक्षा में पढ़ता था और हाल ही में स्कूल स्पोर्ट्स में मेडल भी जीता था.
खेल ढांचे पर बड़े सवाल
दो दिनों के भीतर दो खिलाड़ियों की मौत ने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच और मेंटेनेंस कोई करता भी है? बास्केटबॉल पोल, नेट्स, ग्राउंड इक्विपमेंट जैसी संरचनाएँ अगर फिक्स ही ठीक से न हों, तो खेल मैदान जोखिम का मैदान बन जाता है. खेल प्रेमियों का कहना है कि अगर समय पर मेंटेनेंस होता, तो इन दोनों खिलाड़ियों की जान बच सकती थी.
पुलिस जांच जारी लेकिन सिस्टम पर उंगली
पुलिस ने दोनों मामलों में शवों का पोस्टमॉर्टम कर परिवारों को सौंप दिया और जांच शुरू कर दी है. लेकिन असली सवाल यह है कि क्या जिम्मेदारी सिर्फ एक-दो अधिकारियों तक सीमित है, या राज्य के खेल ढांचे में बहुत बड़ी खामी है? क्या हरियाणा जैसे खेल-प्रधान राज्य में ग्राउंड सुरक्षा को इतने हल्के में लिया जाता है?
देश में खेल सुरक्षा की बहस तेज
हार्दिक और अमन की मौत के बाद सोशल मीडिया से लेकर खेल जगत तक एक ही आवाज उठ रही है, “इन्फ्रास्ट्रक्चर की लापरवाही जानलेवा कैसे बनी?” देश ओलंपिक और एशियाई खेलों में मेडल की बात करता है, लेकिन बुनियादी सुरक्षा तक सुनिश्चित नहीं कर पाता. यह हादसे एक दर्दनाक चेतावनी हैं कि अगर सिस्टम नहीं सुधरा, तो और कितने खिलाड़ी अपने सपनों के साथ मैदान में ही दम तोड़ देंगे?