अब सीबीआई खोलेगी अकील हत्याकांड की पोल! हरियाणा सरकार ने दे दी परमिशन, पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा पर है हत्या का आरोप

हरियाणा सरकार ने पूर्व पंजाब डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है. 16 अक्टूबर को पंचकूला के मंसा देवी कॉम्प्लेक्स स्थित घर में अकील बेहोशी की हालत में मिला था और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया था. शुरुआत में मामला सामान्य माना गया, लेकिन कुछ दिनों बाद सामने आए सोशल मीडिया वीडियो और एक शिकायत ने पूरे घटनाक्रम को हत्या में बदल दिया.;

( Image Source:  x-@thind_akashdeep and @kharshad0 )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 24 Oct 2025 12:04 PM IST

16 अक्टूबर की रात पंचकूला के मंसा देवी कॉम्प्लेक्स सेक्टर-4 स्थित एक घर में तब अफरातफरी मची, जब 35 साल के अक़ील अख़्तर बेहोशी की हालत में पाए गए. वह पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा और पूर्व मंत्री रज़िया सुल्ताना के बेटे थे. परिवार ने आनन-फानन में उन्हें सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

शुरुआती तौर पर इसे एक स्वाभाविक मौत माना गया और अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया. किसी ने तब नहीं सोचा था कि यह मामला इतना बड़ा मोड़ लेगा. जहां मौत के बाद अकिल के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें उन्होंने अपने पिता और पत्नी के बीच अफेयर की बात कही है. इतना ही नहीं, अकील के पड़ोसी ने भी इस बारे में पुलिस को जानकारी दी थी, जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने परिवार वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. अब जब हरियाणा सरकार ने सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है, तो यह मामला एक नए मोड़ पर पहुंच गया है.

अकील का वीडियो वायरल 

20 अक्टूबर को हालात पूरी तरह बदल गए. पंजाब के मलेरकोटला निवासी शमशुद्दीन चौधरी नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि अक़ील की मौत संदिग्ध है. उन्होंने पुलिस को बताया कि अगस्त में मृतक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला था, जिसमें उसने कहा था कि उसे अपनी जान का खतरा है. इस वीडियो में अकिल ने कहा था कि उसके पिता और पत्नी के बीच अवैध संबंध थे. साथ ही, उसका परिवार उसे मारना चाहता है. 

राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में मचा हड़कंप

जैसे ही खबर फैली, हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों में सियासी हलचल मच गई. मुस्तफा जो कभी पंजाब पुलिस के एक कद्दावर अधिकारी रहे. अब खुद हत्या के आरोपों में घिरे थे. हालांकि मुस्तफा ने इस मामले पर कहा कि वह कानून को मानते हैं और जांच में पूरी तरह से सहयोग करेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि उनका बेटा मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझ रहा था और कुछ समय से इलाज करवा रहा था.

हरियाणा सरकार ने मांगी सीबीआई जांच

मामले की संवेदनशीलता और अलग-अलग राज्यों के जुड़ाव को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बुधवार को केंद्रीय सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश कर दी. सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस केस में आरोप गंभीर हैं और इसमें कई राज्यों के अधिकार क्षेत्र शामिल हैं. इसलिए राज्य ने यह फैसला लिया कि जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया जाए. हरियाणा सरकार ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 6 के तहत अपनी सहमति केंद्र को भेज दी है. अब केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सीबीआई इस केस की बागडोर संभालेगी. एक अधिकारी ने बताया, “जैसे ही आदेश जारी होगा, सीबीआई इस मामले की जांच अपने हाथों में ले लेगी.”

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