मोबाइल-लैपटॉप से निकले राज़, पाक एजेंटों से लंबी बातचीत... ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ चार्जशीट में SIT को मिले कौन-कौन से सबूत?
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ एसआईटी ने 2500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की है. इसमें उनके मोबाइल और लैपटॉप से मिले डेटा, कॉल रिकॉर्ड और पाकिस्तान यात्रा को मुख्य सबूत बनाया गया है. जांच में पाक उच्चायोग के अधिकारियों और एजेंटों से लंबी बातचीत के सबूत मिले हैं. पहलगाम हमले में संभावित संलिप्तता की जांच अभी जारी है. ज्योति को 16 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया था और उन पर जासूसी व राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के गंभीर आरोप हैं.;
Jyoti Malhotra 2500 pages SIT chargesheet evidence: पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने करीब 2,500 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है. गिरफ्तारी के 90वें दिन, यानी 14 अगस्त को यह चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की गई. इसमें ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप से बरामद डेटा, कॉल रिकॉर्ड और उनकी पाकिस्तान यात्रा को मुख्य सबूत बनाया गया है. ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने कहा कि उन्हें अभी चार्जशीट की प्रति नहीं मिली है और प्राप्त होने के बाद वे हर बिंदु पर जवाब देंगे.
चार्जशीट में दावा है कि ज्योति लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में थी और उनसे मिलने वाले सवालों के जवाब देती थी. SIT के अनुसार, ज्योति के फोन से पाक उच्चायोग में तैनात एहसान-उर-रहीम दानिश अली के साथ लंबी बातचीत का रिकॉर्ड मिला. इसके अलावा शाकिर, हसन अली और नासिर ढिल्लों से भी उसकी बातचीत होती थी.
तीन महीने चली SIT की जांच
ज्योति को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में एसपी शशांक कुमार सावन ने SIT का गठन किया, जिसका नेतृत्व डीएसपी सुनील कुमार ने किया. टीम में इंस्पेक्टर निर्मला, साइबर सेल इंचार्ज अमित और स्पेशल स्टाफ से एसआई सतपाल शामिल थे. तीन महीने तक जांच के बाद SIT ने चार्जशीट दाखिल की.
पहलगाम हमले से संभावित लिंक
जांच एजेंसियों को शक है कि ज्योति का कनेक्शन पहलगाम हमले से भी हो सकता है. हमले से कुछ दिन पहले ही वह पाकिस्तान की यात्रा से लौटी थी और पहलगाम में वीडियो शूट किए थे. इस पहलू पर जांच जारी है.
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
ज्योति पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत जासूसी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप हैं. 4 अगस्त को हिसार कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी छठी पेशी हुई थी, जहां न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी गई. अगली पेशी 18 अगस्त को होगी.