बेटी बेकसूर है... जेल में बंद जासूस ज्योति ने पिता को बताया पाकिस्तान से कनेक्शन का राज!
ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने हाल ही में जेल में बेटी से मुलाकात की और बाहर आकर मीडिया से कहा-'मेरी बेटी निर्दोष है. वह कह रही है कि उससे गलती नहीं हुई. पिता की आंखों में आंसू थे और शब्दों में भरोसा. लेकिन सवाल यही है कि क्या वाकई ज्योति मासूम है या किसी बड़े खेल का मोहरा?

हिसार की सेंट्रल जेल में बंद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है, लेकिन मामला जितना सीधा लगता है, असलियत उससे कहीं ज्यादा उलझी हुई दिख रही है. ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने हाल ही में जेल में बेटी से मुलाकात की और बाहर आकर मीडिया से कहा-'मेरी बेटी निर्दोष है. वह कह रही है कि उससे गलती नहीं हुई. पिता की आंखों में आंसू थे और शब्दों में भरोसा. लेकिन सवाल यही है कि क्या वाकई ज्योति मासूम है या किसी बड़े खेल का मोहरा?
पुलिस ने पहले उसे चार दिन की हिरासत में लिया था और अब 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. आरोप है कि ज्योति पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में थी और उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 'ब्लैकआउट' से जुड़ी कुछ अहम जानकारी पाकिस्तान को भेजी. वहीं, पुलिस की शुरुआती जांच में यह साफ नहीं हो पाया है कि ज्योति के पास कोई रणनीतिक या सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी थी या नहीं. हिसार के एसपी शशांक कुमार का साफ कहना है, 'अब तक इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं मिला कि वह किसी आतंकी संगठन से जुड़ी थी.
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती. सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो ने मामले को और भी पेचीदा बना दिया है. इसमें देखा जा सकता है कि जब ज्योति पाकिस्तान के लाहौर के अनारकली बाजार में ट्रैवल व्लॉग बना रही थी, तब उसके साथ छह सिक्योरिटी गार्ड्स थे. एक यूट्यूबर को पाकिस्तान में इतनी सिक्योरिटी क्यों मिली? क्या वो सिर्फ यूट्यूबर थी या कुछ और?
मामले की हर एंगल से जांच जारी
मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि ज्योति पाकिस्तान के चार खुफिया एजेंट्स के संपर्क में थी. लेकिन पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या वह किसी साजिश का शिकार हुई? क्या वह खुद नहीं जानती थी कि जिनसे वह बात कर रही है, वे पाक खुफिया एजेंसी से जुड़े हैं?
इस बीच पुलिस उसकी फाइनेंशियल हिस्ट्री खंगाल रही है-बैंक अकाउंट, लेन-देन, और विदेशी फंडिंग. सवाल सिर्फ ज्योति पर नहीं, उस सिस्टम पर भी है जिसमें सोशल मीडिया के जरिए कोई भी आसानी से सीमा पार के एजेंडे का हिस्सा बन सकता है- चाहे जानबूझकर, या अनजाने में. ज्योति दोषी है या निर्दोष, इसका फैसला अदालत करेगी, लेकिन इस केस ने यह तो साफ कर दिया कि एक यूट्यूबर भी आज राष्ट्रीय सुरक्षा के घेरे में आ सकता है.