हरियाणा के IAS अधिकारी को हाईकोर्ट ने फटकारा, लग सकता है 50 हजार का जुर्माना; जानें क्या है वजह?

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. जानकारी के अनुसार अगर सरकार के आदेश का पालन नहीं किया गया तो अधिकारी को 50 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. अदालत का कहना है कि 10 महीने बीत चुके फिर भी आदेशों का पालन नहीं किया गया है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 10 Nov 2025 2:06 PM IST

हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमित अग्रवाल को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. अदालत का कहना है कि उन्होंने अदालत के आदेश का पालन कर अगर रिपोर्ट 4 फरवरी तक नहीं सौंपी गई तो अदालत में उन्हें पेश होना होगा और उन्हें 50 हजार रुपये जुर्माने का भी भुगतान करना होगा. अदालत ने कहा कि अब तक 10 महीने बीत चुके हैं. लेकिन आदेशों का पालन नहीं किया गया है.

आपको बता दें कि ये मामला पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट की डीआईपीआरओ सोनिया और अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका से जुड़ा है. इस याचिका में दावा किया गया था कि उन्हें वेतनमान (पे-स्केल) के मामले में न्याय नहीं मिल रहा है.

अब तक नहीं लिया गया एक्शन

दरअसल 2 अगस्त 2022 में एक आदेश के तहत कर्मचारियों को विशेष पे-स्केल दिया गया था. इसका लाभ उन्हें भी दिया गया था जो याचिकाकर्ता से जूनियर पद में हैं. याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने अपनी शिकायत 25 अप्रैल 2023 को एक प्रतिनिधित्व के माध्यम से सरकार के समक्ष उठाई थी. लेकिन, अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

वहीं सरकार के सामने आवाज उठाई गई थी कि 2023 में 25 अप्रैल को उठाई गई थी. लेकिन, अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. उस समय अदालत में सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने 12 फरवरी 2024 को कोर्ट को कहा था का इसे आठ हफ्तों के अंदर निपटाया जाएगा और कोर्ट से संबंधित अधिकारियों को आदेश पर अपडेट लेने को कहा था. हालांकि, याचिकाकर्ताओं के अनुसार, आदेश का पालन अब तक नहीं हुआ है, और मामला दस महीने से लंबित है. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अधिकारी को फटकार लगाई है.

क्या है अधिकारियों की मांग

वहीं कोर्ट में याचिका दायर करने वाले अधिकारियों की मांग है कि उन्हें भी समान कार्य करने वाले कर्मचारियों को एक समान वेतन और सुविधाएं मिले. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा जो उनके अधिकारों का हनन है, और अवमानना के दायरे में आता है. अधिकारियों का कहना है कि हरेक नए पे-स्केल पर उनका वेतनमान कम किया गया उसे ठीक किया जाए.

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