अरावली जंगल की कटाई बढ़ा रही जानवरों की मुश्किलें, खाने पीने की तलाश में कर रहे शहरों का रुख
पिछले काफी समय से हरियाणा के कई शहरों में तेंदुओं के मिलने की जानकारी सामने आ रही है. अब तक कई का रेस्क्यू कर उन्हें जंगलों में भेज दिया गया है. लेकिन अचानक ऐसी वारदाते बढ़ जाने के पीछे का कारण है तेजी से कट रहे जंगल. इस कारण खाने पीने की तलाश में जानवर शहर का रुख कर रहे हैं.;
आपने कई बार लोगों को पेड़ बचाने के बारे में कहते हुए सुना होगा. उन्हें नहीं काटना और बचाना है. वहीं दूसरी ओर जंगलों से तेजी से पेड़ काटे जा रहे हैं. जिसका खामियाजा वहां रह रहे जानवरों को भुगतना पड़ता है. इसी कड़ी में हरियाणा के अरावली जंगल के पेड़ों को काटने से वहां रह रहे जानवरों को किस तरह परेशानी हो रही है. इसकी जानकारी सामने आई है.
दरअसल जंगल को पूरी तरह खत्म करते हुए उन जगहों पर बड़ी बिल्डिंग खड़ी कर दी जा रही है. इस कारण जानवरों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. 2017 में गणना की जिसके बाद रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि तेंदुओं की संख्या में पांच साल में इजाफा हुआ. जंगल कटने से तेंदुए तेजी से शहरों में रहने को मजबूर हो रहे हैं. वहीं अनुमान किया जा रहा है कि ये संख्या बढ़ने वाली है.
2017 से बढ़ रही तेंदुओं की संख्या
गणना की रिपोर्ट सामने आई जिसमें खुलासा हुआ साल 2017 में तेंदुओं की संख्या 31 थी. लेकिन अब ये संख्या कुछ सालों में बढ़ी है और 50 होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसपर एक्सपर्ट्स का कहना है कि जंगलों की तेजी से हो रही कटाई का असर जंगल में रहने वाले जानवरों पर पड़ रहा है. अगर जंगल नहीं मिलेंगे तो उन्हें खाने-पीने में काफी समस्या होगी. इस कारण जानवरों ने शहर की ओर बढ़ना शुरू किया है. इसी में तेंदुएं भी शामिल हैं.
दरअसल पिछले काफी समय से तेंदुएं शहर की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. कई सोसाइटी से तेंदुओं को पकड़ा गया है. कुछ ही दिन पहले हरियाणा में एक सोसाइटी से भी ऐसा मामला सामने आया था. जिसके बाद से ही ये सवाल किया जा रहा है कि आखिर अचानक शहरों में तेंदुएं कैसे आ रहे हैं. दरअसल सोसाइटी बन जाने के कारण जंगल कट रहे हैं और खाने पीने की तलाश में ही जानवर शहर की ओर बढ़ रहे हैं.
बढ़ रही तेंदुओं की संख्या
इसी तरह जंगलों से शहरों की ओर बढ़ रहे तेंदुओं की संख्या बढ़ गई है. इसी तरह पिछले काफी समय से हरियाणा के कई शहरों से कई तेंदुओं को पकड़ा गया है. हरियाणा की अरावली पर्वत श्रेणी में इनकी संख्या 50 पार हो गई है. जानकारी के अनुसार जो तेंदुएं पकड़े गए हैं उनकी उम्र 5 से 6 साल तक की बताई जा रही है.