Elvish Yadav Firing: लॉरेंस बिश्नोई के दुश्मन भाऊ के गैंगस्टर बनने की कहानी, भेजा था स्कूल में पढ़ने मगर झोंक आया गांव में गोलियां!

गुरुग्राम में यूट्यूबर एल्विश यादव के खाली पड़े घर पर बदमाशों ने 24 राउंड फायरिंग की, जिसकी जिम्मेदारी ‘भाऊ गैंग’ ने ली है. पुलिस के मुताबिक इसके पीछे रंगदारी वसूली और गैंगवार की साजिश है. एल्विश यादव की लोकप्रियता और संपन्नता को देखते हुए गैंग ने दबाव बनाने के लिए हमला किया. इस हमले में हिमांशु उर्फ भाऊ रिटोलिया, नीरज फरीदपुरिया और राव इंद्रजीत का नाम सामने आया है. माना जा रहा है कि गैंग ने लॉरेंस बिश्नोई को चुनौती देने और वर्चस्व स्थापित करने के लिए वारदात की.;

रविवार सुबह के वक्त दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में लोगों की नींद गोलियों की तड़तड़ाहट से खुली. अंधाधुंध फायरिंग की गई थी कथित रूप से तमाम ऊल-जुलूल कामों के लिए बदनाम यूट्यूबर एल्विश यादव (Youtuber Elvish Yadav Residence Firing) के खाली पड़े निजी घर के ऊपर. गोलियां चलाने वाले बदमाशों की संख्या तीन थी. वे मोटर साइकिल पर सवार होकर पहुंचे. उन्होंने करीब 24 गोलियां यूट्यूबर के खाली पड़े मकान के ऊपर चलाईं और भाग गए.

बिग बॉस में हिस्सा लेने के बाद से चर्चाओं में आए एल्विश यादव (Youtuber Elvish Yadav) के घर घटी इस दुस्साहसिक घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इन सभी सवालों के जवाब तलाशना गुरुग्राम पुलिस का काम है, वह तलाश रही है. हां, एल्विश यादव (Elvish Yadav) के घर गोलियां तड़तड़ाने की घटना की जिम्मेदारी 'भाऊ' गैंग ने ली है. जब एल्विश यादव का किसी गुंडा गैंग या गैंगस्टर से कोई वास्ता अब तक रहा ही नहीं है तब फिर, उसके घर गुंडे इस तरह से गोलियां क्यों चलाएंगे?

रंगदारी वसूली और आपसी गैंगवार का मामला

स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन ने इस बारे में जब थाने-चौकी की फाइलों और कुछ पुराने पुलिस अधिकारियों को खंगाला. तब कई चौंकाने वाली अंदर की बातें बाहर झांकने लगीं. हरियाणा पुलिस के एक रिटायर्ड उप-महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी कहते हैं, “इस घटना में असल कारण रंगदारी वसूली और आपसी गैंगवार है. एल्विश यादव चूंकि एक फेमस पर्सनालिटी है. उसके पास दौलत भी खूब है. इसीलिए उससे मोटी रंगदारी मिलने की भी उम्मीद रही होगी. और उसे डराकर उसके घर पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गईं. ताकि इस घटना से खौफजदा एल्विश और उसका परिवार आसानी से गैंगस्टर और उसके गैंग को रंगदारी की मोटी रकम सिक्योरिटी-मनी के रूप में दे दे.”

एक-दूसरे के खून के प्‍यासे लॉरेंस बिश्नोई और बम्बिहा गैंग

हरियाणा पुलिस के इन्हीं पूर्व डीआईजी के मुताबिक, “एल्विश यादव चूंकि मोटी और पॉपुलर आसामी है. इसलिए अगर उसके घर पर हमला किया जाएगा, तो मीडिया घर बैठे-बिठाए हमला करने वाले गैंग की खबरें बढ़ा-चढ़ाकर छापेगा. लिहाजा ऐसे में संबंधित हमलावर गैंग की पब्लिसिटी बढ़ जाएगी. इससे दूसरे गैंग भी एल्विश यादव के घर फायरिंग करने वाले भाऊ-गैंग से कांपने लगेंगे. दूसरी बात जहां तक मुझे नजर आ रही है वह यह भी संभावना हो सकती है कि, लॉरेंस बिश्नोई गैंग और पंजाब का खूंखार बम्बिहा गैंग एक दूसरे के खून के प्यासे रहते हैं. जिस नीरज फरीदपुरिया ने एल्विश यादव के घर रविवार को गोलियां चलवाने की जिम्मेदारी ली है, वह कनाडा में छिपे रहकर आज भी इसी बम्बिहा गैंग की कमान संभाले हुए है.

तो ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि नीरज फरीदपुरिया, इंद्रजीत राव और हिमांशु उर्फ भाऊ रिटोलिया तीनों ने मिलकर, लॉरेंस बिश्नोई गैंग की नजरों में अपना वर्चस्व बनाए रखने की गरज से एल्विश यादव के घर पर गोलीबारी करवाई हो. इससे एक पंथ दो काज साधे जा सकते हैं. पहला एल्विश यादव और उसके परिवार को दबाव में लेकर उससे मोटी रंगदारी-सिक्योरिटी मनी वसूली का इंतजाम करना. दूसरा, दुश्मन गैंग लॉरेंस बिश्नोई को नीचा दिखाकर जरायम की दुनिया में भाऊ और बम्बिहा गैंग का वर्चस्व स्थापित करना.”

अब आइए सबसे पहले नजर डालते हैं हिमांशु उर्फ भाऊ रिटोलिया की क्राइम कुंडली. उसके बाद झांकने की कोशिश करेंगे एल्विश यादव के घर पर फायरिंग की जिम्मेदारी लेने वाले इसी गैंग के बाकी दो गैंगस्टर मूल रूप से हरियाणा पलवल के निवासी गैंगस्टर नीरज फरीदपुरिया जो इन दिनों भारतीय एजेंसियों के डर के मारे अमेरिका में छिपा है, और दूसरा गैंगस्टर राव इंद्रजीत यादव के बारे में. पहले झांकते हैं भाऊ रिटोलिया की तबाह जिंदगी के अंधेरे कुएं में. गैंगस्टर हिमांशु भाऊ की क्राइम कुंडली पढ़ने से पहले यहां बताना जरूरी है कि इन्हीं तीनों ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए रविवार (17 अगस्त 2025) को एल्विश यादव के गुरुग्राम वाले घर पर ताबड़तोड़ गोलियां चलवाने की जिम्मेदारी ली है.

हिमांशु उर्फ भाऊ रिटोलिया

भाऊ रिटोलिया और हिमांशु भाई एक ही बदमाश के दो नाम हैं, जिनसे यह जरायम की दुनिया में बदनाम है. दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस की फाइलों में भी इसके हाल-फिलहाल बीते लंबे समय से यही दो नाम दर्ज चले आ रहे हैं. हालांकि गैंग के भीतर इसे बाकी इसके शूटर प्यार से 'भाऊ' कहकर ही बुलाते हैं. चूंकि हरियाणा के रोहतक जिले के रिटोली गांव का यह रहने वाला है. इसलिए इसने अपने नाम के बाद में ‘रिटोलिया’ (यानी रिटोला गांव का निवासी) जोड़ना-लिखना शुरू कर दिया. ताकि इसकी बदमाशी के बदनाम रसूख के चलते इसके गांव वालों की ओर भी कोई नजर उठाकर देखने की हिमाकत न कर सके. कहने को हरियाणा राज्य के रोहतक जिले में स्थित रिटौली (Ritoli Village Rohtak) गांव आबादी की नजर से कोई बहुत बड़ा या किसी अच्छे काम के लिए मशहूर भले न हो. इस एक बदमाश हिमांशु भाऊ की बदमाशी ने मगर इस दबे-छिपे छोटे से गांव को भी देश-दुनिया में बदनाम करवा रखा है. कहा जाए कि आज रिटौला गांव इसी गैंगस्टर के नाम से बदनाम है तो भी अनुचित नहीं होगा.

गांव में झगड़ा हुआ तो चला दी गोलियां

हरियाणा के रोहतक जिला की स्थानीय पुलिस और थानों को खंगालने पर पता चलता है कि, “मां-बाप ने तो हिमांशु को बाकी बच्चों की तरह ही स्कूल में पढ़ा-लिखाकर अच्छा इंसान बनाने की उम्मीद में दाखिल कराया था. अति का महत्वाकांक्षी हिमांशु भाऊ मगर बिना कुछ करे-धरे जल्दी से जल्दी रईस बनने की सोचता रहता था. साल 2020 की बात है एक दिन जब स्कूल से लौटा तो रास्ते में गांव के ही निवासी से तू-तू-मैं-मैं हो गई. बस फिर क्या था भाऊ कहीं से उसी दिन तमंचे का जुगाड़ करके लाया और उस शख्स के ऊपर गोलियां झोंक डालीं, जिससे झगड़ा हुआ था. उस घटना में पुलिस ने उसे पकड़ कर बाल-न्यायालय के आदेश पर सुधार गृह भेज दिया. सुधार गृह के अंदर से वह निकल भागा. किशोरावस्था में यह घटना उसके जीवन पहली मामूली अपराध की घटना थी. बाल सुधार गृह से फरारी के बाद हिमांशु ने शराफत की दुनिया की ओर मुड़कर देखने के बजाए जरायम की अंधी-बहरी-गूंगी जिंदगी के कुंए में कूदकर तबाह होना मंजूर किया.”

हरियाणा और दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक उस घटना के बाद से अब तक हिमांशु भाऊ के खिलाफ 22 के करीब आपराधिक मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हो चुके हैं. हिमांशु के बढ़ते वर्चस्व ने सबसे ज्यादा नींद उड़ाई गैंगस्टर लारेंश बिश्नोई की. यहां तक की आज दोनों गैंग एक दूसरे के खून के प्यासे हैं. लॉरेंस बिश्नोई अगर आज जेल के भीतर से ही बैठकर गैंग चलाने के लिए कुख्यात है. तो हिमांशु भाऊ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में बैठकर, भारत में मौजूद लारेंस बिश्नोई गैंग को चुनौती बना हुआ है. लारेंस बिश्नोई की चिंता तब और बढ़ गई जब, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान से बाहर निकल कर हिमांशु भाऊ गैंग ने दिल्ली में भी अपना काम शुरू कर दिया. बीते दिनों पश्चिमी दिल्ली में एक कार शोरुम पर खुलेआम भाऊ गैंग द्वारा की गई फायरिंग की घटना ने तो, मानो लॉरेंस बिश्नोई गैंग की चूलें हिलाकर खुली चुनौती दे डाली हो.

नीरज फरीदपुरिया

भाऊ गैंग का यह दूसरा मास्टरमाइंड बीते लंबे समय से कनाडा और अमेरिका में छिपा बैठा है. मूल रूप से हरियाणा के पलवल निवासी नीरज फरीदपुरिया को छह महीने पहले तब बड़ा धक्का लगा था जब उसके दो गजब के शार्प-शूटर्स को हरियाणा पुलिस ने पलवल इलाके में ही घेरकर गोलियों से भून डाला था. नीरज फरीदपुरिया साल 2013 में एक एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था. साल 2015 में उसे हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. तीन चार साल बाद उसे जैसे ही पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत पर मिली, उसके कुछ दिन बाद ही 26 जून 2019 को उसने कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास चौधरी को फरीदाबाद में कत्ल कर दिया. उसी घटना के बाद वह दुबई के रास्ते कनाडा और वहां से अमेरिका जा पहुंचा. कनाडा में छिपने के दौरान उसने वहीं से पंजाब के बदनाम बम्बिहा गैंग की कमान संभाल ली थी. इससे लारेंस बिश्नोई गैंग, नीरज फरीदपुरिया और हिमांशु भाऊ से दुश्मनी मानने लगा. क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई और बम्बिहा गैंग दोनों ही एक दूसरे के कई साल से खून के प्यासे हैं.

राव इंद्रजीत सिंह

एल्विश यादव के घर पर रविवार को हुई फायरिंग की घटना में राव इंद्रजीत सिंह का भी नाम सोशल मीडिया पर आ रहा है. यह भी नीरज फरीदपुरिया और हिमांशु भाऊ का विश्वासपात्र मास्टरमाइंड गैंगस्टर है. पुलिस की मानें तो इसने कुछ वक्त पहले ही हरियाणा के रोहतक में वहां के फाइनेंसर मंजीत को कत्ल करवाया था. इसके अलावा गैंगस्टर राहुल फाजिलपुरिया के ऊपर हुए कातिलाना हमले में भी इसी राव इंद्रजीत सिंह का नाम आया था.

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