फर्जी 'दिल के डॉक्टर' ने ली 3 की जान, 55 लोगों का किया ऑपरेशन; पर्दाफाश ने हिला दिया सिस्टम

फरीदाबाद हार्ट सेंटर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा देखने को मिला है जिसमें शख्स ने MBBS डॉक्टर बताकर 55 मरीजों का किया इलाज कर दिया जिसमें तीन की मौत हो गई. यह मामला न केवल मेडिकल लापरवाही और सिस्टम फेल्योर का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मेडिकल एरिया में अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है.;

Edited By :  रूपाली राय
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दिल्ली से सटे फरीदाबाद के प्रतिष्ठित बीके अस्पताल स्थित हार्ट सेंटर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक एमबीबीएस डॉक्टर ने न केवल झूठे तरीके से खुद को कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) बताया, बल्कि 55 मरीजों की एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी भी कर डाली, सबसे गंभीर बात यह है कि इस झूठे इलाज के चलते तीन मरीजों की जान चली गई. 

इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी डॉ. पंकज मोहन शर्मा हैं, जिन्होंने अपने ही नाम वाले किसी अन्य हृदय रोग विशेषज्ञ के नाम और पहचान का दुरुपयोग कर मेडिट्रीना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत चल रहे बीके अस्पताल के हार्ट सेंटर में जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक नौकरी की. इस दौरान उन्होंने कई जटिल कार्डियक प्रक्रियाएं कीं, जबकि वे केवल MBBS डॉक्टर थे और उन्हें कार्डियोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल नहीं थी. 

सरकारी सिस्टम की चूक

हरियाणा सरकार के नियमों के तहत किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति से पहले संबंधित अधिकारियों में प्रधान चिकित्सा अधिकारी (PMO) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को चिकित्सक का डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन करना जरुरी होता है. लेकिन आरोप है कि डॉ. पंकज की नियुक्ति में यह आवश्यक प्रक्रिया नजरअंदाज कर दी गई.

मौत और धोखाधड़ी के आरोप

एडवोकेट संजय गुप्ता की शिकायत के अनुसार, डॉ. पंकज द्वारा किए गए इलाज की वजह से तीन मरीजों की मौत हुई थी. उन्होंने अप्रैल 2025 में एसजीएम नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस वजह से उन्होंने मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल (CM Window) और गृह मंत्रालय को भी शिकायत भेजी है. 

कैसे हुआ खुलासा?

एडवोकेट संजय गुप्ता ने बताया कि एक मरीज जिसका इलाज कथित कार्डियोलॉजिस्ट पंकज मोहन शर्मा कर रहे थे, वह 22 नवंबर को अस्पताल पहुंचा तो बताया गया कि डॉक्टर छुट्टी पर हैं और गांधी कॉलोनी में क्लीनिक चलाते हैं. जब मरीज ने असली डॉ. पंकज मोहन से संपर्क किया, तो खुलासा हुआ कि हार्ट सेंटर में कार्यरत डॉक्टर फर्जी थे और उनका कार्डियोलॉजी से कोई वास्ता नहीं है. 

अस्पताल प्रबंधन का बयान

मेडिट्रीना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. एन. प्रताप ने इस गंभीर लापरवाही को स्वीकारते हुए कहा, 'बीके अस्पताल में ऑपरेट हार्ट सेंटर को तुरंत बंद कर दिया गया है. डॉक्टर की नियुक्ति के बाद वेरिफिकेशन का जिम्मा HR विभाग का था, जो उन्होंने नहीं किया. जैसे ही यह धोखाधड़ी सामने आई, डॉक्टर को तत्काल हटा दिया गया.' वहीं डॉ. पंकज मोहन शर्मा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने बीपीएल, आरक्षित केटेगिरी और आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी बिल बनाकर हरियाणा सरकार से आर्थिक लाभ उठाया. 

जांच के दायरे में अस्पताल और अधिकारी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत आहूजा के अनुसार, यह मामला अब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के पास जांच के लिए भेज दिया गया है, इसलिए फिलहाल जिला प्रशासन किसी भी तरह की स्वतंत्र कार्रवाई नहीं कर रहा. गौरतलब है कि बीके अस्पताल का हार्ट सेंटर वर्ष 2018 में पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत शुरू किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी मेडिट्रीना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई थी. 

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