'क्या मैं विदेश चला जाऊं...', अपने समर्थकों को टिकट न मिलने पर भड़के अनिल विज, छोड़ देंगे मंत्री पद?

अंबाला कैंट से विधायक और मंत्री अनिल विज इस समय सीएम सैनी और बीजेपी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं. यह नाराजगी अंबाला नगर परिषद के चुनाव में अपने समर्थकों को टिकट न देने पर भड़क गए हैं. उनके समर्थकों कहना है कि अगर हाईकमान से सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे. विज ने यह भी कहा कि जब मेरी कोई सुनवाई ही नहीं हो रही है तो क्या मैं विदेश चला जाऊं.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 16 Feb 2025 6:53 PM IST

Anil Vij: हरियाणा की अंबाला कैंट सीट से विधायक अनिल विज इन दिनों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और बीजेपी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं. अब अंबाला नगर परिषद के चुनाव में अपने 15 समर्थकों को टिकट न दिए जाने से वे भड़क गए हैं. उनके समर्थकों का कहना है कि जब यदि स्थानीय ईकाई की बात ही नहीं सुनी जाएगी और हाईकमान के लेवल पर सब कुछ तय किया जाएगा तो फिर हमारी जरूरत ही क्या है.

अनिल विज के एक समर्थक ने कहा कि पार्षद के टिकट के लिए 32 नामों का एलान हुआ है. इनमें से 15 लोग ऐसे हैं, जिनकी सिफारिश स्थानीय स्तर पर किसी नेता ने नहीं की थी. इसी पर विज भड़क गए हैं. उनका कहना है कि क्या मैं विदेश चला जाऊं, जब मेरी कोई सुनवाई ही नहीं हो रही है.

14 फरवरी को जारी हुई थी लिस्ट

बता दें कि लिस्ट 14 फरवरी की देर रात को जारी की गई. इससे सियासी हलचल तेज हो गई. अनिव विज के समर्थक उनसे मिलने के लिए उनके घर पर पहुंचने लगे. यह सिलसिला जारी है. विज से मिलने आने वालों में स्थानीय कार्यकर्ता, बूथ और मंडलों के अध्यक्ष शामिल हैं.

बीजेपी हाईकमान को भेजा ई-मेल

स्थानीय इकाई की तरफ से बीजेपी हाईकमान को एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है. विज के समर्थकों ने टिकट हासिल करने वाले लोगों के खिलाप नारे भी लगाए. कई ऐसे नेता भी नाराज हैं, जिन्हें टिकट दिया गया है. उन्होंने कहा कि विज जो कहेंगे, वही हम करेंगे. समर्थकों ने कहा कि विज के खिलाफ काम करने वालों को पार्षद का टिकट दिया गया है.

'वे मंत्री पद छोड़ देंगे'

अनिल विज के समर्थकों का कहना है कि अगर पार्टी हाईकमान सकारात्मक जवाब नहीं देता है तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे. विज भी कह चुके हैं कि उनकी विधायकी कोई नहीं छीन सकता. मंत्री पद की बात है तो मैंने बंगला पहले ही छोड़ दिया है, कार भी छोड़ दूंगा.

'हाईकमान के पास 32 नामों का पैनल भेजा गया था'

एक नेता के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर सहमति के बाद पार्टी हाईकमान के पास 32 नामों का एक पैनल भेजा गया था, लेकिन जब लिस्ट जारी हुई तो इसमें 15 नाम गायब थे. यदि पार्टी हाईकमान पहले से ही चीजों को तय कर लेता है तो फिर हमारी जरूरत ही क्या है. स्थानीय स्तर से नाम नहीं मांगना चाहिए था. फिलहाल, विवाद होता देख लिस्ट को होल्ड पर रख दिया गया है.

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