तपती दिल्ली को मिलेगी राहत! आज और कल होगी भारी बारिश, IMD ने दी चेतावनी

आज शाम को दिल्ली-एनसीआर में तेज़ आंधी और बारिश की संभावना है. IMD ने चेतावनी दी है कि शाम के समय 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएं चल सकती हैं, जो अस्थायी रूप से 50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं.;

( Image Source:  META AI )
Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 1 Dec 2025 12:25 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में बीते चार दिनों से जारी भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिलती दिख रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, आज 23 मई 2025 को अधिकतम तापमान 36-38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22-24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। इससे पहले न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन अब इसमें गिरावट दर्ज की गई है.

आज शाम को दिल्ली-एनसीआर में तेज़ आंधी और बारिश की संभावना है. IMD ने चेतावनी दी है कि शाम के समय 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएं चल सकती हैं, जो अस्थायी रूप से 50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं. इन हवाओं के साथ धूल भरी आंधी और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है.

 24 मई तक बारिश-आंधी की संभावना

इस मौसम परिवर्तन से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम सहित पूरे एनसीआर क्षेत्र में तापमान में गिरावट आई है. खासतौर से दिल्ली में न्यूनतम तापमान 22-23 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जबकि नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में यह अभी भी 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. IMD के अनुसार, 24 मई को भी दिल्ली-एनसीआर में बारिश और आंधी की संभावना बनी हुई है. इसके बाद 25 और 26 मई को बादल छाए रहने की संभावना है, जबकि 27 और 28 मई को फिर से बारिश होने का पूर्वानुमान है. 

अलग-अलग जगहों पर चक्रवात का दबाव

बुधवार देर रात उत्तर भारत के कई हिस्सों में तेज आंधी-तूफान आया, जिससे दो राज्यों में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई. यह जानकारी गुरुवार को अधिकारियों ने दी. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह तूफान एक जटिल मौसमीय परिस्थिति का नतीजा था. इसमें कई वजहें शामिल थीं – जैसे अलग-अलग जगहों पर चक्रवात जैसा दबाव बनना, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली भारी नमी, और दिन में तेज गर्मी. ये सभी कारक मिलकर एक खास प्रकार की ठंडी मौसम प्रणाली 'पश्चिमी विक्षोभ' को और देर तक बने रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो आमतौर पर इस समय तक खत्म हो जानी चाहिए थी. मौसम वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि यह सब केवल भारत तक सीमित नहीं है. दुनिया के अन्य हिस्सों, जैसे आर्कटिक सर्कल में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और अमेरिका के कुछ हिस्सों में असामान्य ठंड भी इस गड़बड़ी से जुड़ी है. इसका असर अब भारत की मौजूदा मौसम प्रणाली पर भी पड़ रहा है, जिससे मौसम में अनजाने और अचानक बदलाव हो रहे हैं

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