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पति को फंसाने निकली थी, खुद जाल में फंसी; Cyber Stalking में महिला गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश

पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी महिला का पति इस फर्जीवाड़े से पूरी तरह अनजान था. उसका किसी प्रकार का कोई सीधा संबंध इस साइबर अपराध से नहीं पाया गया. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस फर्जी प्रोफाइल के जरिए किसी अन्य व्यक्ति को भी निशाना बनाया गया है या नहीं.

पति को फंसाने निकली थी, खुद जाल में फंसी; Cyber Stalking में महिला गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश
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( Image Source:  AI: Representative Image )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 1 Dec 2025 12:26 PM IST

दिल्ली पुलिस ने एक 26 साल की महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने पति पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का शक होने के चलते एक अन्य महिला के नाम से फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाई और उस प्रोफाइल के जरिए साइबरस्टॉकिंग और धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम दिया। इस महिला को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से अपराध में प्रयुक्त मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.

दिल्ली की एक 30 साल की महिला, जो कि एक प्रोफेशनल है, उसने उत्तर दिल्ली की साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत दी थी कि कोई अनजान व्यक्ति उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कर फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल चला रहा है और उनके दोस्तों, कलीग्स और परिवारजनों से भ्रामक व झूठी बातें कर रहा है. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि इस फर्जी प्रोफाइल से कुछ ऐसे मैसेज भेजे जा रहे हैं, जो उनकी इमेज को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

लोकेशन ट्रैकिंग से आरोपी की पहचान

शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने आईपी एड्रेस और सिम कार्ड की तकनीकी जांच शुरू की. जांच में यह सामने आया कि फर्जी प्रोफाइल से जुड़े इंटरनेट और मोबाइल डेटा गाजीपुर, उत्तर प्रदेश से लिंक हो रहे थे. इसके बाद पुलिस ने फिल्ड ट्रैकिंग और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के जरिए आरोपी महिला की गतिविधियों पर नजर रखी और अंत उसे दिल्ली के नांगलोई इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.

पति पर शक करती थी महिला

डीएसपी राजा बंथिया के अनुसार, आरोपी महिला ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने यह फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल अपने पति की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बनाई थी. महिला ने बताया कि उसकी पति से शादी 2023 में हुई थी, और शादी के कुछ समय बाद ही उसे शक हुआ कि उसका पति किसी दूसरी महिला में इंट्रेस्ट रखता है. शक की वजह यह थी कि पति ने पीड़िता (शिकायतकर्ता) के साथ एक ग्रुप फोटो शेयर की थी, और वह अक्सर सोशल मीडिया पर उस महिला को फॉलो भी करता था. इसके बाद, आरोपी महिला ने पीड़िता के प्रोफाइल से मिली तस्वीरों का इस्तेमाल कर उसका फर्जी अकाउंट बनाया, ताकि यह देख सके कि उसका पति उस प्रोफाइल के प्रति कैसे रिएक्शन देगा. पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी ने फर्जी अकाउंट से शिकायतकर्ता को अनुचित और भड़काऊ मैसेज भेजे ताकि उसे उकसाया जा सके और कोई प्रतिक्रिया मिले. जब शिकायतकर्ता ने उस प्रोफाइल को ब्लॉक कर दिया, तो आरोपी महिला ने नई फर्जी प्रोफाइल बनाई और उसी सिलसिले को जारी रखा.

पूरी साजिश से अनजान था पति

पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी महिला का पति इस फर्जीवाड़े से पूरी तरह अनजान था. उसका किसी प्रकार का कोई सीधा संबंध इस साइबर अपराध से नहीं पाया गया. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस फर्जी प्रोफाइल के जरिए किसी अन्य व्यक्ति को भी निशाना बनाया गया है या नहीं. पुलिस ने महिला के खिलाफ आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं, साइबरस्टॉकिंग, फर्जी पहचान बनाकर धोखाधड़ी, और मानहानि से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. आगे की जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या आरोपी महिला ने किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी इसी तरह की गतिविधि की है.

क्या है साइबरस्टॉकिंग?

साइबरस्टॉकिंग का मतलब है किसी व्यक्ति को डिजिटल माध्यम से बार-बार परेशान करना, ट्रैक करना या डराना. यह अपराध भारतीय कानून के तहत दंडनीय है और इसके लिए तीन साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है. भारत में साइबर स्टॉकिंग के मामलों में हाल के सालों में लगातार वृद्धि देखी गई है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में देशभर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर स्टॉकिंग और साइबर बुलिंग के कुल 1,150 मामले दर्ज किए गए। इनमें से महाराष्ट्र ने सबसे अधिक 578 मामलों के साथ टॉप पर है, जबकि बच्चों के खिलाफ साइबर स्टॉकिंग और बुलिंग के 52 मामले दर्ज किए गए.

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