लाल किला ब्लास्ट: ‘हमास-स्टाइल’ ड्रोन अटैक की फिराक में थे आतंकी, NIA जांच में बड़ा खुलासा

लाल किला ब्लास्ट की जांच में NIA ने खुलासा किया है कि आतंकी मॉड्यूल दिल्ली में हमास-स्टाइल ड्रोन और रॉकेट बम अटैक की तैयारी कर रहा था. तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से ड्रोन को रॉकेट लॉन्चर में बदलने की कोशिश की जा रही थी. प्लान फेल होने पर आतंकियों ने कार बम का विकल्प चुना, जिसमें 14 लोग मारे गए. डॉ. उमर उन नबी इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड था. NIA ने दो अहम सहयोगियों को गिरफ्तार कर मल्टी-स्टेट नेटवर्क का पर्दाफाश किया है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 18 Nov 2025 9:20 AM IST

दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए भीषण ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हाथ एक बेहद खतरनाक और चौंकाने वाला आतंकी प्लान लगा है. एजेंसी को मिले इनपुट्स के अनुसार, गिरफ्तार आतंकियों ने राजधानी को दहलाने के लिए हमास और ISIS की तर्ज़ पर ड्रोन आधारित रॉकेट अटैक की तैयारी की थी. शुरुआती प्लान में दिल्ली और कई हाई-सिक्योरिटी ज़ोन्स पर रॉकेट बम हमले का ब्लूप्रिंट शामिल था, जिसे बाद में कार बम अटैक में बदला गया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि आतंकी नेटवर्क ड्रोन तकनीक में बदलाव कर रॉकेट-स्टाइल एक्सप्लोसिव डिलीवरी सिस्टम तैयार कर रहा था. इस सिस्टम का लक्ष्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बिना पकड़े गए बड़े पैमाने पर तबाही फैलाना था - ठीक वैसी ही रणनीति, जैसी मध्य-पूर्व के आतंकी संगठन अपनाते हैं.

NIA के अधिकारियों का कहना है कि यह मॉड्यूल कई तकनीकी विशेषज्ञों को जोड़ने की कोशिश कर रहा था, ताकि ड्रोन को हवा से रॉकेट दागने में सक्षम हथियार बनाया जा सके. एजेंसी अब डिजिटल डिवाइसेज़, चैट लॉग्स, फंडिंग ट्रेल और संदिग्ध खरीदारी की जांच कर रही है, जिससे इस हाई-टेक आतंकी साज़िश की असली गहराई सामने आ सके.

48 घंटे में दो बड़ी गिरफ्तारियां - जांच में मिला बड़ा सुराग

बीते 48 घंटों में दो महत्वपूर्ण गिरफ्तारियों के बाद जांच एक निर्णायक मोड़ पर पहुंची. NIA ने आतंकियों के मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी के दो सहयोगियों को हिरासत में लिया है.

1. जसिर बिल्लाल वानी उर्फ दानिस - ‘सक्रिय सह-साज़िशकर्ता’

रविवार को गिरफ्तार किए गए जसिर वानी, जम्मू-कश्मीर के निवासी, इस मॉड्यूल का अहम हिस्सा बताया जा रहा है. वानी ने ड्रोन मॉडिफिकेशन में तकनीकी सहायता दी.

वह रॉकेट-आधारित विस्फोटक बनाने के प्रयास में भी शामिल था. राजनीतिक विज्ञान से ग्रेजुएट वानी को उमर ने महीनों तक कट्टरपंथी बनाया. NIA के मुताबिक, वानी को संभावित सुसाइड बॉम्बर के रूप में तैयार किया जा रहा था. उसने पूछताछ में बताया कि अक्टूबर 2024 में उसने कुलगाम की एक मस्जिद में “डॉक्टर मॉड्यूल” के सदस्यों से मुलाकात की थी. इसके बाद उसे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पास एक किराए के ठिकाने पर रखा गया.

2. आमिर - कार खरीदने वाला शख्स

इससे पहले NIA ने आमिर नाम के एक कश्मीरी युवक को पकड़ा था, जिसने डॉ. उमर के लिए इस्तेमाल की गई कार की खरीद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

ड्रोन प्लान फेल, तो कार बम पर शिफ्ट

पूछताछ और टेक्निकल डेटा को जोड़ने पर NIA को पता चला कि जब रॉकेट और ड्रोन अटैक की कोशिशें विफल हुईं, तब इस मॉड्यूल ने प्लान-B यानी कार बम धमाके पर आगे बढ़ने का फैसला किया.

लाल किला के पास भयानक विस्फोट - 14 की मौत

घटना वाले दिन दिल्ली की एक व्यस्त सड़क पर खड़ी Hyundai i20 कार को IEDs से भरकर आत्मघाती तरीके से उड़ाया गया. इस धमाके में 14 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए. यह ब्लास्ट उसी दिन हुआ, जब पुलिस ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए थे. जांचकर्ताओं के मुताबिक, यह एक अत्याधुनिक, सफेदपोश आतंकी नेटवर्क द्वारा रची गई हाई-टेक साजिश थी.

सुसाइड बॉम्बर कौन? - 'डॉ. उमर उन नबी'

धमाके में मारा गया ड्राइवर बाद में डॉ. उमर उन नबी के रूप में पहचाना गया, जो कश्मीर का रहने वाला और अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ डॉक्टर था. उमर के नेटवर्क में कई डॉक्टर, छात्र और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे, जिनकी तलाश में NIA ने कश्मीर, हरियाणा, यूपी और दिल्ली में कई ठिकानों पर छापेमारी तेज कर दी है.

Similar News