इन तीन दुश्मन देशों की साजिश, 2022 में उमर की सीरियाई आतंकी से मुलाकात, दिल्ली कार ब्लास्ट की साजिश में बड़ा खुलासा!
दिल्ली के 10 नवंबर कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है. आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर के 2022 में तुर्किये और सीरिया में आतंकी ऑपरेटिव से हुई गुप्त मुलाकात ने इंटरनेशनल टेरर लिंक की पुष्टि कर दी है. उमर, मुझम्मिल और मुझफ्फर को पाकिस्तान बॉर्डर पर बैठे हैंडलर्स-फैसल, हाशिम और उकाशा-से टेलीग्राम पर निर्देश मिलते थे. इसी नेटवर्क के इशारे पर दिल्ली में बम धमाका प्लान हुआ. NIA ने कई डॉक्टरों, मौलाना और तकनीकी मददगारों को गिरफ्तार कर मॉड्यूल का पूरा पर्दाफाश कर दिया है.;
दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट को लेकर जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है और अब इस पूरे केस ने इंटरनेशनल टेरर नेटवर्क का बेहद खतरनाक चेहरा उजागर कर दिया है. आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी के तुर्किये और सीरिया में आतंकियों से जुड़े लिंक सामने आने के बाद NIA की जांच नई दिशा में मुड़ चुकी है. तीनों कश्मीर के डॉक्टर-उमर, डॉ. मुझम्मिल शकील गनाई और डॉ. मुझफ्फर राथर- के बीच हुए गुप्त यात्राओं और सीरिया के एक ऑपरेटिव से मुलाकात ने खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा मॉड्यूल पाकिस्तान बॉर्डर के पास बैठे हैंडलर्स के निर्देश पर काम कर रहा था, जो टेलीग्राम के ज़रिए उन्हें बम बनाने के वीडियो से लेकर ‘टारगेट प्लान’ तक भेजते थे.
सीरिया ऑपरेटिव से मीटिंग- तुर्किये में 20 दिन तक रूके रहे आरोपी डॉक्टर
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों डॉक्टर-उमर, मुझम्मिल और मुझफ्फर-साल 2022 में तुर्किये में करीब 20 दिन तक रुके थे. उनका उद्देश्य अपने पाकिस्तानी हैंडलर उकाशा से मिलना था, जो अफगानिस्तान–पाकिस्तान बॉर्डर पर सक्रिय बताया जाता है. लेकिन उकाशा ने उन्हें खुद से मिलने से रोका और आदेश दिया कि वे सीरिया के एक आतंकी ऑपरेटिव से मिलें. उसी मुलाकात के बाद से तीनों के कट्टरपंथ की राह और गहरी होती चली गई.
सूत्रों के अनुसार मुझफ्फर वहां से UAE होते हुए सीधे अफगानिस्तान चला गया और अल-कायदा में शामिल हो गया. वहीं उमर भी अफगान जाने के लिए तैयार था, लेकिन उकाशा ने उसे भारत लौटकर “बड़ी योजना” को पूरा करने का आदेश दिया.
भारत लौटते ही बना ‘टेरर मॉड्यूल’, अल-फला यूनिवर्सिटी बनी केंद्र
निर्देश के बाद उमर भारत लौटा और फरीदाबाद की Al-Falah University में दाखिला लिया. वहीं से उसने अपने साथियों के साथ बम, विस्फोटक और अन्य सामग्री जुटाना शुरू किया और टेरर मॉड्यूल तैयार किया. NIA के एक अधिकारी ने TOI को बताया कि मुझम्मिल, आदिल और उमर लगातार पाकिस्तान में बैठे तीन हैंडलर्स—फैसल, हाशिम और उकाशा—से टेलीग्राम पर जुड़े थे. इन्हें कट्टरपंथी सामग्री, बम बनाने की तकनीक और निर्देश वहीं से मिलते थे.”
भारत में ब्लास्ट की प्लानिंग और ‘कार बम’ का पूरा खेल
इस केस में पहले ही गिरफ्तार किए गए आमिर रशीद अली, जो पंपोर का प्लंबर है, ने हमले में अहम भूमिका निभाई. आमिर ने ही धमाके में इस्तेमाल हुई कार अपने नाम से खरीदी थी. उमर एक हफ्ते पहले पंपोर पहुंचा था और वहीं से पैसे लेकर आमिर के साथ हरियाणा लौटा. कार खरीदने और प्लान को फाइनल करने के बाद आमिर वापस पंपोर चला गया- ठीक धमाके से कुछ दिन पहले. दूसरा आरोपी जासिर बिलाल वानी आतंकियों को तकनीकी सहायता देता था. वह ड्रोन को रॉकेट में बदलने का प्रयोग कर रहा था ताकि बड़े हमले किए जा सकें. NIA की बड़ी कार्रवाई: डॉक्टर, मौलाना, प्लंबर-सबकी मिली सांठगांठ.
NIA ने गुरुवार को चार और लोगों को गिरफ्तार किया-
डॉ. मुझम्मिल शकील गनाई
डॉ. आदिल अहमद राथर
डॉ. शाहीन सईद
मुफ़्ती इरफ़ान वगई
एजेंसी का कहना है कि ये सभी न केवल दिल्ली हमले में शामिल थे, बल्कि भारत में कई और आत्मघाती हमलों की प्लानिंग भी कर रहे थे. जांच की शुरुआत नौगाम में मिले जैश के पोस्टरों से हुई थी, जिसने बाद में कश्मीर से हरियाणा और तुर्किये तक फैली इस खतरनाक आतंकी साजिश का नेटवर्क उजागर कर दिया.