लाल किला के पास धमाके के बाद 40 फीट नीचे तक हिली थी जमीन, मेट्रो स्टेशन के अंदर भूकंप समझकर घबरा गए थे लोग | Video Viral

धमाके की वजह से नीचे मौजूद लोगों को ऐसा लगा जैसे कुछ पल के लिए जमीन वास्तव में कंप उठी हो. जब बाद में उन्हें पता चला कि ऊपर मेट्रो स्टेशन के बाहर तेज धमाका हुआ है, तो वे सभी अंदर से काफी डर गए.;

( Image Source:  X Handle )
Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 15 Nov 2025 9:07 AM IST

सोमवार (10 नवंबर) को दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हुआ धमाका इतना बड़ा और शक्तिशाली था कि उसका कंपन जमीन के लगभग 40 फीट नीचे तक महसूस किया गया। यह बात सिर्फ अंदाज़ा नहीं है, बल्कि मेट्रो स्टेशन के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से भी साबित होती है. सोशल मीडिया पर वायरल इस फुटेज में साफ दिखाई देता है कि जब ऊपर धमाका हुआ, तो नीचे बने हिस्सों में ऐसे झटके लगे जैसे कहीं भूकंप आ गया हो. 

मेट्रो स्टेशन के 40 फीट नीचे छोटी-छोटी दुकानें बनी हुई हैं, जहां उस समय दुकानदार और खरीदारी करने आए लोग अपने काम में पूरी तरह मशगूल थे। फुटेज में दिखता है कि सब कुछ सामान्य चल रहा था लोग सामान खरीद रहे थे, दुकानदार बैठकर कस्टमरों से बात कर रहे थे, और कई लोग प्लेटफॉर्म की तरफ आ-जा रहे थे. लेकिन अचानक धमाके की आवाज़ और कंपन ने माहौल को पूरी तरह बदल दिया. 

काफी तेज था झटका 

सीसीटीवी वीडियो में एक खास दृश्य साफ नज़र आता है. एक मोमोज बेचने वाला शख्स अपनी दुकान पर आराम से बैठा है, तभी अचानक उसकी कुर्सी ज़ोर से हिलने लगती है. वह घबरा कर उठ जाता है और चारों तरफ देखने लगता है कि आखिर ये हुआ क्या. वहीं आसपास से गुजर रहे लोग भी एकदम से ठिठक जाते हैं और कुछ कदम वहीं रुककर घबराए हुए अंदाज़ में ऊपर और चारों ओर देखने लगते हैं. उनकी बॉडी लंग्वेज से साफ पता चलता है कि झटका काफी तेज था और किसी को समझ ही नहीं आ पाया कि यह अचानक क्या हो गया. 

तेज धमाका हुआ

धमाके की वजह से नीचे मौजूद लोगों को ऐसा लगा जैसे कुछ पल के लिए जमीन वास्तव में कंप उठी हो. जब बाद में उन्हें पता चला कि ऊपर मेट्रो स्टेशन के बाहर तेज धमाका हुआ है, तो वे सभी अंदर से काफी डर गए. कई लोगों ने बताया कि उन्हें लगा था जैसे नीचे कहीं कोई बड़ा हादसा या धंसाव हो गया हो. यह भी राहत की बात है कि धमाके से सड़क में कोई बड़ा गड्ढा नहीं बना. अगर ऐसा होता, तो उसका असर सीधे मेट्रो लाइन और स्टेशन की संरचना पर पड़ सकता था, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता था. 

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