'घूस देकर नौकरी लेना भी क्राइम', छत्तीसगढ़ HC ने आरोपी और शिकायतकर्ता दोनों पर लिया एक्शन

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ में एक व्यक्ति ने पैसे लेकर हाईकोेर्ट में नौकरी दिलाने का झूठा वादा किया. अब इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि रिश्वत लेकर नौकरी पाना अपराध की श्रेणी में आता है. साथ ही अरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर आईपीसी की धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज है.;

( Image Source:  canva )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 1 Feb 2025 3:51 PM IST

Chhattisgarh High Court: देश में अक्सर रिश्वत लेने और देने दोनों से जुड़े मामले सामने आते हैं. अब छत्तीसगढ़ में इस मामले में कोई पकड़ा गया तो उसकी खैर नहीं. आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है. कोर्ट ने 'कैश फॉर जॉब' मामले में बड़ा फैसला सुनाया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि नौकरी पाने के लिए रिश्वत देनी भी एक अपराध है. कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को अपील करने वाले के खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. यह फैसला चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने सुनाया.

रिश्वत लेना भी अपराध- HC

कोर्ट ने कहा कि कई चेतावनियों के बाद भी लोग न्यायिक संस्थानों में नौकरी पाने के लिए दलालों के चक्कर में पड़ रहे हैं. साथ ही अरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर आईपीसी की धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज है. उसने शिकायतकर्ता से 5 लाख 15 हजार रुपये लेकर उसे और उसके दोस्त को हाई कोर्ट में जॉब दिलाने का झूठा वादा किया था. बाद में पता चला कि ऐसी कोई नौकरी नहीं होती, उसके बाद पीड़ित ने कानूनी सहायता ली.

धोखाधड़ी से नौकरी लेना क्राइम

होई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में शिकायतकर्ता निर्दोष नहीं है, क्योंकि उसने भी गलत तरीके से नौकरी पाने के लिए पैसे दिए थे. यह कानून की नजर में किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. इसलिए उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. अदालत ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और रिश्वत देकर नौकरी पाने की कोशिश करने वालों पर एक्शन लिया जाए.

योगेश अग्रवाल ने पद से दिया इस्तीफा

छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के चीफ योगेश अग्रवाल ने अपनी पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है. वह लंबे समय से इस जिम्मेदारी को संभाल रहे थे. यह सूचना एसोसिएशन को दे दी है. अपने इस फैसले के बारे में अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के चीफ के रूप में मैंने और पूरी टीम ने सबकी सेवा करने अपनी पूरी एनर्जी से काम किया. लेकिन अब मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता. इसलिए मैं अपनी पोस्ट से रिजाइन दे रहा हूं और पूरी कार्यकारिणी को भंग करने का एलान करता हूं.

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