बकरे की बलि से गांव में हड़कंप, रेबीज संक्रमित कुत्ते के काटे बकरे का मांस खा गए 400 लोग; मचा बवाल
28 दिसंबर को सरगांवा गांव में पारंपरिक निकाली पूजा का आयोजन किया गया था. इसी पूजा के दौरान एक बकरे की बलि दी गई, जिसे कुछ दिन पहले एक कुत्ते ने काट लिया था. बाद में यह जानकारी सामने आई कि कुत्ता रेबीज से संक्रमित था. इस बकरे का मांस 400 लोगों ने खाया.;
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से सामने आया एक मामला पूरे इलाके में डर और चिंता का कारण बन गया है. सरगांवा गांव में धार्मिक आस्था से जुड़ा एक पारंपरिक आयोजन अब ग्रामीणों के लिए भय का सबब बन गया है. आरोप है कि गांव में हुई पूजा के दौरान रेबीज संक्रमित कुत्ते द्वारा काटे गए बकरे समेत कुल 13 बकरों की बलि दी गई और उनका मांस ग्रामीणों में वितरित कर दिया गया.
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इस घटना के सामने आते ही गांव में हड़कंप मच गया है. सैकड़ों ग्रामीणों में डर हैं कि कहीं इस वजह से रेबीज का खतरा न फैल जाए. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है और प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेने की मांग कर रहा है.
पूजा के दौरान दी गई बकरे की बलि
ग्रामीणों के अनुसार, 28 दिसंबर को सरगांवा गांव में पारंपरिक निकाली पूजा का आयोजन किया गया था. इसी पूजा के दौरान एक बकरे की बलि दी गई, जिसे कुछ दिन पहले एक कुत्ते ने काट लिया था. बाद में यह जानकारी सामने आई कि कुत्ता रेबीज से संक्रमित था.
वैक्सीन के बावजूद किया गया इस्तेमाल
आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि कुत्ते के काटने के बाद बकरे को रेबीज से बचाव के लिए वैक्सीन लगाए जाने की बात कही गई थी. इसके बावजूद उस बकरे को पूजा में बलि के लिए इस्तेमाल किया गया और उसका मांस अन्य बकरों के साथ पकाकर ग्रामीणों को परोसा गया.
करीब 400 ग्रामीणों ने खाया मांस
ग्रामीणों का दावा है कि इस धार्मिक आयोजन के दौरान गांव के लगभग 400 लोगों ने बकरे का मांस खाया. जैसे ही यह बात फैली कि बलि दिया गया बकरा रेबीज संक्रमित कुत्ते द्वारा काटा गया था, गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
सरपंच और उपसरपंच पर लगे गंभीर आरोप
इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने सीधे तौर पर गांव के सरपंच नारायण प्रसाद और उपसरपंच कृष्णा सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि दोनों ने गांव की ही एक महिला से वह बकरा खरीदा था, जिसे कुत्ते ने काटा था. अब जब मामला तूल पकड़ चुका है, तो दोनों जनप्रतिनिधि सवालों से बचते नजर आ रहे हैं.
गांव के लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सरगांवा में तत्काल मेडिकल कैंप लगाया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर रेबीज से बचाव के इंजेक्शन लगाए जाएं, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके.