कौन थे ASP आकाश राव गिरिपुंजे, सुकमा नक्सली हमले में हुए शहीद, बैंक अफसर से पुलिस की ड्यूटी तक का सफर...

Who Is ASP Akash Rao: सुकमा में 9 दून को नक्सली हमले में ASP आकाश राव गिरिपुंजे के शहीद हो गए. नकी बहादुरी और समर्पण को याद करते हुए, राज्य सरकार ने उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं और शहीद के सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित की है.;

( Image Source:  @FrontalForce )

Who Is ASP Akash Rao: छत्तीसगढ़ सरकार राज्य को नक्सल मुक्त करने के लिए लगातार अभियान चला रही है. इसी दिशा में सोमवार 9 जून को सुकमा जिले में अभियान चलाया गया. इस दौरान एक नक्सली हमले में ASP आकाश राव गिरिपुंजे के शहीद होने की जानकारी सामने आई है.

नक्सली हमले में कई पुलिस वाले भी घायल हुए हैं. हालांकि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई भी की. IED की मदद से पुलिस की टीम को निशाना बनाकर विस्फोटित किया गया. यह घटना 10 जून को प्रस्तावित नक्सली बंद के मद्देनजर सुरक्षा बलों को कमजोर करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है.

कौन थे ASP आकाश राव?

पुलिस ऑफिसर आकाश राव का गिनती बहादुर और अनुशासित पुलिस अफसरों में होती थी. उन्हें वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. पुलिस में आने से पहले वह बैंक में अफसर थे. इस दौरान ही उन्होंने CGPSC की परीक्षा पास की थी. फिर राज्य पुलिस सेवा में शामिल हुए. बता दें वह मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले थे. लेकिन पिछले कई सालों से परिवार के साथ रायपुर में रह रहे थे.

नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा

आकाश राव 2013 में बैच के राज्य पुलिस अफसर थे. जब वह ट्रेनिंग में थे तब उनकी पोस्टिंग कांकेर जिले में हुई थी. इस दौरान उन्होंने कई नक्सल विरोधी ऑपरेशन में भूमिका निभाई. उनके काम से खुश होकर बाद में उन्हें मानपुर में SDOP पद पर नियुक्त किया गया. फिर पाटन में ट्रांसफर हो गया था. वह एडिश्नल एसपी के तौर पर रायपुर में आए थे.

अफसर की मौत से परिवार में शोक

आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत को लेकर स्थानीय समुदाय और पुलिस विभाग में शोक की लहर है. उनकी बहादुरी और समर्पण को याद करते हुए, राज्य सरकार ने उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं और शहीद के सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित की है.

नक्सल मुक्त हुआ बस्तर

हाल ही में केंद्र सरकार ने LWE लिस्ट से बाहर कर दिया था. सरकार ने कहा कि यहां पर नक्सली गतिविधि खत्म हो गई है और लोग आराम से रह रहे हैं. किसान डर छोड़ कर खेती करने लगे हैं और बच्चे स्कूल जाने लगे हैं. हालांकि इसके बाद में छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में नक्सली अभी भी एक्टिव हैं. जिन पर शिकंजा कसने की प्लानिंग की जा रही है. यह घटना बताती है कि नक्सली संगठन अपनी हिंसक गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं.

Similar News