500 के नोट से बनाई ड्रग्स की लाइन, फिर... होटल में नशा करती लड़की की VIDEO वायरल

पंजाब की तरह अब छोटे शहरों में भी युवक-युवतियां नशे का शिकार हो रही हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक युवती एक होटल के कमरे में ड्रग्स लेती हुई नजर आ रही है.;

( Image Source:  x-@statemirrornews )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 25 July 2025 6:17 PM IST

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एक शहर जो तेजी से बढ़ रहा है, जहां आधुनिकता और तरक्की की रफ्तार तेज है. लेकिन इसी चमकती रफ्तार के पीछे एक खतरनाक अंधेरा फैल रहा है, ड्रग्स का जाल, जो अब शहर के युवाओं को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवती कमरे में बैठकर नशा करती नजर आ रही है. वह पांच सौ रुपये के नोट से ड्रग्स की लाइन बनाती हुई दिख रही है.

होटल में नशा करती लड़की

इन दिनों एक ढाई मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक युवती रायपुर के गंज थाना क्षेत्र स्थित एक नामी होटल के कमरे में बैठी हुई नजर आती है. वो 500 रुपए के नोट से सफेद पाउडर (संभावित MDMA या कोकीन) की लाइन बनाती है और फिर उसे चाटते हुए दिखती है. इस दौरान वह किसी से फोन पर बातचीत भी कर रही है. वीडियो कमरे के बाहर से चुपके से मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया गया है, जिसने शहर को झकझोर दिया है.

मंदीप की मौत: एक और ड्रग्स की कहानी

लेकिन ये सिर्फ एक वीडियो तक सीमित नहीं है. 24 जून की सुबह कबीर नगर थाना क्षेत्र के वाल्मीकि नगर की सड़कों पर एक युवक का शव मिला था, जिसका नाम मंदीप सिंह है. लोगों को तब तक कुछ समझ नहीं आया, जब तक पुलिस ने जांच कर मामले की परतें नहीं खोलीं.

कार में नशा, फिर मौत और डर

जांच में पता चला कि मंदीप कारोबारी संतोष मिश्रा और उसकी महिला मित्र साधना के साथ उसकी क्रेटा कार में घूम रहा था. कार में ही मंदीप ने नशीला इंजेक्शन खुद को लगाया, और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई. डर के मारे, संतोष ने मंदीप का शव वाल्मीकि नगर में फेंक दिया और फरार हो गया.

MDMA: मस्ती या मौत?

MDMA यानी मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन, जिसे नशे की दुनिया में एक्सटेसी, मेफेड्रोन, म्याऊ-म्याऊ जैसे कोड नेम से भी जाना जाता है. यह एक आर्टिफिशियल साइकोएक्टिव ड्रग है. इसे लेने के बाद मदहोशी, एक्साइटमेंट और इंटेंस प्लेज़र का एक्सपीरियंस होता है. क्लब, पार्टी और मस्ती के नाम पर इसका उपयोग किया जाता है. लेकिन थोड़ी अधिक मात्रा में लेना भी जानलेवा साबित हो सकता है.

कैसे ये ड्रग्स शहर के होटल कमरों तक पहुंच रहे हैं?

अब सवाल उठता है कि कहां है पुलिस की सतर्कता और नारकोटिक्स कंट्रोल सिस्टम? क्या अब भी हम युवाओं को बचाने के लिए जागेंगे या वीडियो वायरल होने के बाद ही जिम्मेदारी लेंगे? रायपुर की ये घटनाएं अब चेतावनी की घंटी बन चुकी हैं. हर युवा, हर माता-पिता, हर शिक्षक और हर अधिकारी को ये समझना होगा कि थोड़ी मस्ती की चाहत, एक पूरी जिंदगी की कीमत बन सकती है.

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