रायपुर में 'सूद के सुल्तानों' पर चला बुलडोजर, देते थे धमकी और करते थे लग्ज़री गाड़ियों की लूट, तोमर बंधुओं के गढ़ का खात्मा

रायपुर में तोमर ब्रदर्स के अवैध दफ्तर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया है. ये लोग बेहद ऊंचे ब्याज दरों पर कर्ज देते थे. यह दर इतनी ज्यादा होती थी कि लोग मूलधन से कई गुना अधिक चुका देने के बावजूद भी अपनी जमीन, गाड़ी या प्रॉपर्टी वापस नहीं ले पाते थे. अब प्रशासन ने इनके दफ्तर को जमींदोज कर दिया है.;

( Image Source:  x-@anshuman_sunona )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 27 July 2025 4:28 PM IST

रायपुर, छत्तीसगढ़ राजधानी के भाटागांव इलाके में रविवार को एक बेहद हाई-प्रोफाइल और साहसी प्रशासनिक कार्रवाई को अंजाम दिया गया. पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने उस ऑफिस पर बुलडोजर चलाया, जिसे कुख्यात सूदखोर तोमर बंधु, रोहित और वीरेंद्र तोमर का गढ़ माना जाता था. यह वही जगह थी जहां से सालों से अवैध लेन-देन, सूदखोरी और धमकी का कारोबार चलाया जा रहा था.

भाटागांव स्थित यह अवैध कार्यालय न केवल अनधिकृत निर्माण था, बल्कि यहां से तोमर बंधु अपने पूरे नेटवर्क को ऑपरेट करते थे. कार्रवाई के दौरान नगर निगम की टीम ने दफ्तर में रखे फर्नीचर और कागजात को बाहर फेंकना शुरू किया और फिर भवन को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई. बताया जा रहा है कि यह संपत्ति रोहित तोमर की पत्नी भावना तोमर के नाम से चलाई जा रही थी, लेकिन इसका संचालन पर्दे के पीछे से रोहित और वीरेंद्र खुद करते थे.

गायब गैंगस्टर, मौजूद सबूत

पुलिस के मुताबिक, रोहित और वीरेंद्र तोमर लंबे समय से फरार हैं. दोनों हिस्ट्रीशीटर हैं और इन पर सूदखोरी, धोखाधड़ी, धमकी और मारपीट जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है, लेकिन दोनों गैंगस्टर स्टाइल में फरारी काट रहे हैं. प्रशासन की मानें तो यह कार्रवाई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत गुंडागर्दी और अवैध धंधों पर नकेल कसी जा रही है.

प्रहरी की तैनाती, माहौल तनावपूर्ण

कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मौके पर पुलिस बल और स्पेशल यूनिट 'प्रहरी' की तैनाती की गई थी. माहौल बेहद तनावपूर्ण था लेकिन पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से पूरी की गई. स्थानीय लोग इस कार्रवाई को लेकर प्रशासन के फैसले का समर्थन करते दिखाई दिए.

भावना तोमर से खुलासे

इस कार्रवाई से पहले पुलिस ने भावना उर्फ रुचि तोमर को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की. पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए. कई प्रॉपर्टी डील, नकदी लेन-देन और लग्जरी वाहनों की जानकारी सामने आई. भावना ने माना कि तोमर बंधु अवैध कमाई से संपत्ति इकट्ठा करते थे और कई मामलों में लोगों को ब्याज के जाल में फंसाकर उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर लेते थे.

जबरन हड़पी गई लग्जरी कार

एक चौंकाने वाला मामला भिलाई निवासी मनोज कुमार वर्मा का है. मनोज ने 5 साल पहले 3 लाख रुपये का कर्ज लिया था, और ब्याज सहित करीब 8 लाख रुपये चुका दिए.  इसके बावजूद तोमर बंधुओं ने उसकी जैगुआर कार वापस नहीं की. छापेमारी में यह लग्जरी कार बरामद हुई, जो तोमर गैंग के लालच और दबंगई की प्रतीक बन गई.


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