फाइलों में ‘अमर’ निकले अधिकारी! मौत के 7 महीने बाद तबादले का फरमान जारी, GST विभाग का कारनामा
अक्सर सरकारी कामों में जिंदा इंसानों को मृत करार दे दिया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस बार गंगा उल्टी बही है. जहां GST विभाग ने मरे हुए एक अधिकारी का नाम तबादला लिस्ट में शामिल कर दिया. यानी मृत व्यक्ति को नई पोस्टिंग मिल गई, जिसके बाद हड़कंप मच गया.;
सरकारी दफ्तरों की गफलतों की कहानियां आपने पहले भी सुनी होंगी, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ के GST विभाग ने ऐसी लापरवाही की है कि लोग अब कह रहे हैं 'सरकारी सिस्टम में मौत के बाद भी प्रमोशन और तबादला संभव है.'
27 जून, 2025 को GST विभाग ने 68 अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया. ये सभी अफसर लंबे समय से एक ही जगह पर काम कर रहे थे, जिन्हें नई जगह भेजा जाएगा, लेकिन लिस्ट में एक ऐसा नाम शामिल था, जिसने सभी को चौंका दिया. इसमें एक मृत अफसर का भी तबादला किया गया था.
मर चुके अफसर की नई पोस्टिंग
तबादला आदेश में दयाशंकर नेताम शामिल थे, जो रायपुर संभाग-2 में संयुक्त आयुक्त राज्य कर के तौर पर काम कर रहे थे. आदेश में बताया गया कि उनका तबादला बीआईयू (मुख्यालय), नवा रायपुर कर दिया गया है. पर सच्चाई ये थी कि दयाशंकर नेताम की नवंबर 2024 में ही मौत हो चुकी थी. यानि विभाग ने एक मृत अधिकारी का तबादला कर दिया.
विभाग ने मानी गलती
यह गलती जैसे ही सामने आई, विभाग ने अपनी लापरवाही को मानते हुए एक संशोधन आदेश जारी करने के निर्देश दिए. लेकिन तब तक ये खबर लोगों तक फैल चुकी थी और सोशल मीडिया पर लोग पूछने लगे कि ' क्या मौत भी सरकारी सिस्टम को नहीं रोक सकती?. क्या सरकार को भी नहीं पता, कौन ज़िंदा है और कौन नहीं? इस घटना ने सरकारी दफ्तरों में मौजूद पुराने रिकॉर्ड, कागजी कार्यशैली और लापरवाही पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं.
कागज़ी भूल नहीं
यह सिर्फ एक कागज़ी भूल नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम की संदेहजनक संवेदनशीलता और गैर-जवाबदेही को दिखाता है. अगर किसी मृतक अफसर का नाम ट्रांसफर लिस्ट में आ सकता है, तो सोचिए जिंदा लोगों की फाइलें कब से धूल खा रही होंगी?