2 हजार जुर्माना मजाक है... रोड रील्स मामले पर कोर्ट का करारा तंज, हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव से मांगी रिपोर्ट
सोशल मीडिया पर वायरल होने की सनक अब सड़कों को भी जोखिम में डाल रही है. हाल ही में छत्तीसगढ़ में सामने आए ‘रोड रील्स’ मामलों ने न सिर्फ आमजन की सुरक्षा को खतरे में डाला, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। इस पर बिलासपुर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है.;
छत्तीसगढ़ में हाल ही में सामने आईं तीन चौंकाने वाली घटनाएं सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल नहीं हुईं, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर गईं. युवाओं के सनक भरे स्टंट और पुलिस की सुस्त कार्रवाई ने जब अदालत का ध्यान खींचा, तो छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सरकार से सीधा जवाब मांग लिया.
मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बी. डी. गुरु की युगलपीठ ने गुरुवार को इन मामलों की सुनवाई करते हुए सख्त लहजे में कहा कि 'ऐसी हरकतें आम नागरिकों की जान के लिए खतरा हैं, और हल्की कार्रवाई से कानून व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है.'
रील्स बनाने के लिए हाईवे जाम
20 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने तूफान मचा दिया. इसमें छह युवकों को रतनपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर लग्जरी कारों के साथ स्टंट करते हुए देखा गया. वीडियो में साफ नजर आया कि इन युवकों ने हाईवे को रील बनाने का मंच बना डाला. इससे लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. इनमें से एक युवक, वेदांत शर्मा, ने इस वीडियो को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया और वो पल भर में वायरल हो गया.
2 हजार का जुर्माना और मामला रफा-दफा?
शुरुआत में पुलिस ने बेहद सामान्य प्रतिक्रिया दी. सिर्फ ₹2000 का जुर्माना लगाकर इन युवकों को छोड़ दिया गया। लेकिन जब मामला अदालत तक पहुंचा, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और एफआईआर दर्ज की गई. कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी की 2000 का जुर्माना सजा नहीं, बल्कि एक मजाक है. क्या ये कानून का डर खत्म होने का संकेत नहीं?
सनरूफ में लटककर सेल्फी का तमाशा
दूसरा मामला रायपुर के रिवर व्यू क्षेत्र का है, जहां कुछ युवक चलती कार से सनरूफ के जरिए बाहर निकलकर सेल्फी और वीडियो बनाते देखे गए। यह वीडियो भी इंटरनेट पर वायरल हुआ. कोर्ट ने पूछा कि पुलिस ने इन गैर-जिम्मेदाराना हरकतों पर क्या कार्रवाई की?
सड़क पर बर्थडे पार्टी और डीजे पर डांस
तीसरी घटना में तो हद ही पार कर दी गई। एक स्थानीय युवक ने एक फिल्म अभिनेता का जन्मदिन सड़क के बीचों-बीच मनाया, न सिर्फ केक काटा, बल्कि दोस्तों संग डीजे की तेज़ आवाज में डांस भी किया. यह इलाका भीड़भाड़ वाला था और कई मिनटों तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा. हैरानी की बात ये रही कि इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी इंटरनेट पर खूब शेयर किया गया.
'ये सड़कें किसी की निजी प्रॉपर्टी नहीं'
इन तीनों घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा कि 'एफआईआर के बाद जांच में अब तक क्या सामने आया? और क्या ठोस कदम उठाए गए हैं? कोर्ट ने कहा कि जब पुलिस सिर्फ जुर्माने तक सिमट जाती है और कानून का डर खत्म हो जाता है, तब राज्य में अराजकता फैलने का खतरा बढ़ जाता है. ये अदालत इसे सहन नहीं करेगी.'
मुख्य सचिव को कोर्ट का सीधा निर्देश
इस मामले में पहले ही छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था. गुरुवार को वह हलफनामा पेश किया गया, लेकिन कोर्ट ने अब और ज्यादा स्पष्टता मांगी है.