कौन संभालेगा नीतीश कुमार की विरासत? JDU में दूर-दूर तक नहीं दिखता कोई 'लीडर'

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जेडीयू में नेतृत्व संकट गहराया. नीतीश कुमार की उम्र और सेहत को लेकर सवाल उठ रहे हैं. पार्टी में उत्तराधिकारी को लेकर संजय झा, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी और बेटे निशांत कुमार के नाम चर्चा में हैं. भाजपा और राजद के लिए भी यह चुनाव अहम रहेगा.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 25 Feb 2025 3:57 PM IST

बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इस चुनाव में जेडीयू का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा, इसे लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं. 74 साल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की राजनीति का अहम केंद्र माने जाते हैं, लेकिन उनकी उम्र और सेहत को लेकर जेडीयू के सामने नेतृत्व का संकट गहरा गया है. इस स्थिति में पार्टी को उत्तराधिकारी की तलाश करनी होगी, जो भविष्य में नेतृत्व संभाल सके.

अब सवाल उठता है कि अब जेडीयू का उत्तराधिकारी कौन होगा? वैसे भागलपुर में पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को लाडले मुख्यमंत्री बनाया था. वहीं, अमित शाह भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं. इसके बाद भी विपक्षी दल उनकी ख़राब तबियत को लेकर बार बार सवाल उठाते हैं और उनके बाद कौन उत्तराधिकारी होगा इसकी चर्चा करते हैं.

बीजेपी के लिए है चुनौती

यह संकट सिर्फ जेडीयू के लिए ही नहीं, बल्कि बीजेपी के लिए भी एक बड़ी चुनौती है. बीजेपी बिहार में अब तक अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी है और हमेशा जेडीयू और नीतीश कुमार के सहारे सत्ता में बनी रही है. ऐसे में अगर जेडीयू कमजोर पड़ती है या नेतृत्व परिवर्तन होता है, तो यह बीजेपी के लिए एक अवसर बन सकता है. वहीं, जेडीयू की मौजूदा स्थिति से आरजेडी को भी फायदा मिल सकता है, जिससे आगामी चुनावों में नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है.

कब बनी थी पार्टी?

जेडीयू का गठन 2003 में हुआ था और पार्टी पिछले 22 वर्षों से नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभा रही है. हालांकि, पार्टी के भीतर कई नेताओं का उभार भी देखा गया, जिनमें आरसीपी सिंह, ललन सिंह, प्रशांत किशोर और उपेंद्र कुशवाहा प्रमुख नाम हैं. समय के साथ इनमें से कई नेता पार्टी से अलग हो गए और अपनी राजनीतिक राह बना ली. ऐसे में जेडीयू के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

ये तीन नाम आए सामने

अगर आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होते हैं, तो उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. इस दौड़ में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी के नाम सबसे आगे है. हालांकि, ये तीनों नेता दूसरे दलों से जेडीयू में शामिल हुए थे, जिससे पार्टी के अंदर ही इनकी स्वीकार्यता को लेकर मतभेद हैं. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि करीबी होना अलग बात है और नेतृत्व क्षमता अलग.

निशांत संभालेंगे बागडोर?

नीतीश कुमार के बाद जेडीयू की बागडोर कौन संभालेगा, इस सवाल का जवाब अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पार्टी के अंदर यह चर्चा तेज है कि उनके बेटे निशांत कुमार राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं. उनके पोस्टर भी पार्टी ऑफिस के बाहर लगाए गए. संभावना जताई जा रही है कि वे जल्द ही जेडीयू में शामिल होकर हरनौत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, नीतीश कुमार हमेशा से परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं, लेकिन पार्टी के भीतर निशांत कुमार की एंट्री को लेकर लगातार मंथन चल रहा है. हो सकता है कि होली के बाद उनके राजनीतिक प्रवेश का औपचारिक ऐलान किया जाए.

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