कौन हैं पटना के थप्पड़बाज डीएम, जिन्होंने BPSC परीक्षा देने आए छात्र को पीटा? वीडियो हुआ वायरल
Who Is Patna's Slapper DM: बिहार की राजधानी पटना में BPSC परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान डीएम ने एक छात्र को थप्पड़ जड़ दिया, जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. पटना के ये थप्पड़बाज डीएम कौन हैं और ये कब सिविल सिवा की परीक्षा को पास किए थे, आइए इन सबके बारे में विस्तार से जानते हैं...;
Who Is Patna's Slapper DM: बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा देने आए एक छात्र को पटना के जिलाधिकारी ने थप्पड़ जड़ दिया. छात्र 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा देने के लिए आया हुआ था. बताया जाता है कि बापू धाम एग्जाम सेंटर पर परीक्षा देने के लिए 11 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी आए हुए थे. परीक्षा के बाद छात्रों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. उन्होंने पेपर लीक और परीक्षा में धांधली की शिकायत की.
अभ्यर्थियों का आरोप था कि पेपर की सील पहले से खुली हुई थी. इसके अलावा, पेपर आधे घंटे की देरी से मिला. कुछ अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का भी आरोप लगाया. छात्रों के हंगामा करने की सूचना पर डीएम भी बापू धाम एग्जाम सेंटर पहुंचे, जहां उन्होंने एक छात्र को थप्पड़ जड़ दिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कौन हैं 'थप्पड़बाज' डीएम?
छात्र को थप्पड़ जड़ने वाले पटना के डीएम का नाम चंद्रशेखर सिंह है. वे 26 जून 2024 को पटना के डीएम बनाए गए थे. इससे पहले भी वे पटना के जिलाधिकारी रह चुके हैं. उनकी पहचान सख्त आईएएस अधिकारी के रूप में है.
2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं चंद्रशेखर सिंह
चंद्रशेखर सिंह 2010 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 2009 में सिविल सेवा की परीक्षा पास की थी.चौथे प्रयास में उन्हें कामयाबी मिली थी. वे मुख्यमंत्री सचिवालय में विशेष सचिव भी रह चुके हैं.
केके पाठक से हुआ था विवाद
चंद्रशेखर सिंह का पहले भी विवादों से नाता रहा है. इस साल जनवरी में स्कूलों को बंद करने को लेकर उनका शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से विवाद हो गया था. उन्होंने पाठक के लेटर के बावजूद स्कूलों को बंद कर दिया था. इसके अलावा, अगस्त में वे कोचिंग सेंटरों को सील करने का आदेश देने को लेकर भी चर्चा में रहे थे. उन्होंने कहा था कि जिन कोचिंग सेंटरों का संचालन बेसमेंट में हो रहा है, उन्हें बंद कर दिया जाए.
छात्रों के प्रदर्शन पर क्या बोले डीएम?
छात्रों के प्रदर्शन पर डीएम ने कहा कि एग्जाम रूम में 273 बच्चों के बैठने की व्यवस्था होती है. ऐसे में एक परीक्षा हॉल में प्रश्न पत्र की पेटी में 288 प्रश्न पत्र पहुंचने चाहिए थे, लेकिन केवल 192 प्रश्न पत्र ही आए. इसलिए एक हॉल में पेपर खोलने के बाद जब पेपर कम हुए तो दूसरे हॉल से भी लेना पड़ा. यह क्रम कई हॉल तक चला. इस दौरान जब प्रश्न पत्र का पैकेट एक हॉल से दूसरे हॉल में जा रहा था तो कुछ अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए. परीक्षकों ने अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश की. इसी दौरान 10 से 15 मिनट का समय लगा. हालांकि, अभ्यर्थियों से कहा गया था कि जितनी देरी हो रही है, उतना ही उन्हें अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा.