ई-वोटिंग क्या है, जिसकी शुरुआत करने वाला बिहार बनेगा देश का पहला राज्य, जानें A टू Z

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य निर्वाचन आयोग इतिहास बनाने जा रहा है. आयोग की तरफ से मोबाइल ऐप के जरिए बक्सर नगरपालिका चुनाव में वोट करने की योजना बनाई गई है. दस दिनों तक इसके बारे में आयोग ने जागरूकता अभियान भी चलाया है. 10 हजार लोग इसके लिए नामांकन करा चुके हैं. चुनाव में इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बनेगा.;

Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 28 Jun 2025 10:19 AM IST

चुनाव आयोग बिहार के बक्सर नगर पालिका उपचुनाव के दौरान 28 जून को एंड्रॉइड मोबाइल आधारित ई-वोटिंग सिस्टम लागू करेगा. इसके बाद बिहार ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. ई-वोटिंग के तहत 50 हजार मतदाता घर बैठे ही अपना वोट डाल पाएंगे. इस प्रणाली में उन्नत सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं. इसका मकसद मतदान केंद्रों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करने वालों की मदद करना है.

भारत में पहली बार बिहार के बक्सर नगर परिषद में उप मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद पदों के लिए नगर पालिका उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग 28 जून को एंड्रॉइड मोबाइल आधारित ई-वोटिंग लागू करने जा रहा है. पायलट पहल के हिस्से के रूप में पूरी ई-वोटिंग प्रक्रिया दो मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके की जाएगी. सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा विकसित 'ई-वोटिंग SECBHR' और बिहार राज्य चुनाव आयोग द्वारा बनाया गया एक अन्य ऐप के जरिए मतदाता वोट डाल पाएंगे.

ई-वोटिंग क्या है?

ई-वोटिंग सिस्टम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में इस्तेमाल होने वाले वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) सिस्टम के समान ऑडिट ट्रेल शामिल हैं इसमें  जबकि फेस रिकग्निशन सिस्टम (एफआरएस), वोट काउंटिंग के लिए ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) और ईवीएम स्ट्रांगरूम के लिए डिजिटल लॉक का भी इस्तेमाल मतदान प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए किया गया है. इस सिस्टम में ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म जैसी सुविधाएं शामिल हैं.

पहली बार 50 हजार लोग डालेंगे वोट

बिहार के चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने कहा कि 10 हजार मतदाताओं ने ई-वोटिंग के लिए पंजीकरण कराया है. 50 हजार मतदाता मतदान केंद्रों पर गए बिना ई-वोटिंग के जरिए  अपने वोट के अधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.

ये लोग उठा पाएंगे इस सुविधा का लाभ

बिहार के चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद के मुताबिक मजबूत डिजिटल सुरक्षा उपायों से लैस इस तकनीकी का लाभ प्रदेश के प्रवासी मजदूर, प्रवासी मतदाता, बुजुर्ग, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग मतदाता, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार मतदाता वोट डालने के लिए इस्तेमाल कर पाएंगे. राज्य चुनाव आयुक्त के अनुसार इसका इस्तेमाल अभी तक केवल यूरोपीय देश एस्टोनिया ने ही अंजाम दिया है.

ई-वोटिंग क्यों?

इस प्रक्रिया को लागू करने का मुख्य मकसद उन मतदाताओं को वोट डालने की सुविधा प्रदान करना है, जिन्हें पोलिंग स्टेशनों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इससे मतदान को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाकर मतदाता भागीदारी बढ़ाने की योजना है. बक्सर नगर परिषद चुनाव के बारे में ई-वोटिंग के लिए पंजीकरण 22 जून, 2025 तक खुला था.

जिला प्रशासन के मुताबिक जिला प्रशासन ने 136 मतदान केंद्र बनाए हैं. मतदान के दिन सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक ई-वोटिंग विंडो खुली रहेगी. 30 जून को वोटों की गिनती होगी. इस पहल के लिए विकसित मोबाइल एप्लिकेशन गोपनीयता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित करता है. इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाले गए वोट तुरंत एन्क्रिप्ट और लॉक हो जाएंगे, और चुनाव की अखंडता और गोपनीयता बनाए रखने के लिए आधिकारिक मतगणना प्रक्रिया के दौरान ही डिक्रिप्ट किए जाएंगे.

वोटर्स को करना होगा ये काम?

इसको सुरक्षित तरीके से पूरा करने का तरीका बताते हुए प्रसाद ने कहा कि हमने इसमें डिजिटल सुरक्षा उपायों का पूरा-पूरा ध्यान रखा है। उन्होंने कहा, "इस सिस्टम में ब्लॉकचेन तकनीक, फेस मैचिंग और स्कैनिंग जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसके साथ छेड़छाड़ न की जा सके। इसके अलावा वीवीपीएटी मशीन की तरह एक ऑडिट ट्रेल भी होगा, जिससे हम और भी ज्यादा पारदर्शिता रख पाएंगे।"

सुरक्षा की कैसे होगी व्यवस्था?

बिहार के चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने कहा ई-वोटिंग को लेकर सबसे बड़ा डर इससे होने वाली छेड़छाड़ की आशंका की है. ऐसे में इस सवाल का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान प्रक्रिया को सुचारु, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. जैसे की एक मोबाइल नंबर का उपयोग करके केवल दो पंजीकृत मतदाताओं को लॉग इन करने की अनुमति होगी. इसके अलावा, प्रत्येक लोट की जांच और सत्यापन मतदाता पहचान पत्र का उपयोग करके किया जाएगा. इसके अलावा, जिन भी मतदाताओं के पास मोबाइल फोन नहीं है, वह भी बिहार चुनाव आयोग की वेबसाइट पर ई-वोट डाल सकते हैं.

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