'बिहार से दिल्ली तक करेंगे बंटवारा...' संपत्ति विवाद ने और बढ़ा दी चाचा-भतीजे के बीच की दूरी; आखिर क्या है कारण?

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के परिवार में संपत्ति और राजनीतिक विरासत को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच खगड़िया से लेकर दिल्ली तक की प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर तनातनी है. इस विवाद ने निजी रिश्तों के साथ-साथ लोजपा की राजनीति को भी प्रभावित किया है, जो आगे पार्टी की स्थिरता पर असर डाल सकता है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद उनका परिवार अब संपत्ति और राजनीतिक विरासत को लेकर दो धड़ों में बंट चुका है. हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान से न केवल बिहार के खगड़िया स्थित पैतृक संपत्ति का बंटवारा मांगा है, बल्कि दिल्ली स्थित संपत्तियों की हिस्सेदारी पर भी सवाल उठाया है. पारस का आरोप है कि चिराग ने रामविलास के विचारों से भटकते हुए उनके सपनों को तोड़ दिया है.

विवाद की चिंगारी उस वक्त और भड़क उठी जब चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने संसद में वक्फ बिल का समर्थन किया. इसके बाद पशुपति पारस ने चिराग के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की. वहीं चिराग की बड़ी मां राजकुमारी देवी ने चाचा-चाची पर संपत्ति से बेदखल करने का गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई है. इसके बाद चिराग ने अपनी बड़ी मां से जाकर मुलाकात की और उनका हालचाल लिया, जो राजनीतिक संकेतों से भरपूर कदम माना जा रहा है.

भाभी को भड़काया गया

दूसरी ओर, पशुपति पारस ने भी दरभंगा में मीडिया से बातचीत में अपना पक्ष रखते हुए आरोप लगाया कि राजकुमारी देवी को भड़काकर यह शिकायत दर्ज करवाई गई है. उन्होंने कहा कि वह खुद भी संपत्ति के बंटवारे के पक्ष में हैं, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक साजिश छुपी हुई है. पारस का दावा है कि राजकुमारी देवी ने शिकायत में अंगूठा लगाया, जबकि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं, ऐसे में यह जांच का विषय है कि उनका अंगूठा किसने और क्यों लगवाया?

चाचा ने छुपा रखी है कई संपत्तियां

चिराग पासवान ने भी अपने चाचा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पारस ने कई संपत्तियां छुपाकर रखी हैं और उनकी जानकारी तक शेयर नहीं की है. चिराग का कहना है कि अगर पारस वास्तव में बंटवारा चाहते हैं तो उन्हें पहले खुद पहल करनी चाहिए और पारदर्शिता दिखानी चाहिए. उन्होंने यह भी दोहराया कि लोजपा को तोड़ने का फैसला चाचा पारस ने ही लिया था, जिसका असर अब तक झेलना पड़ रहा है.

क्यों हो रहा ये विवाद?

बताया जा रहा है कि ये सिर्फ जमीन का नहीं, पूरी तरह पॉलिटिकल मामला है. राजकुमारी देवी के दामाद अनिल साधु बताते हैं कि दरअसल, पशुपति पारस अपने बेटे यशराज को लॉन्च करना चाहते हैं. वो इसके लिए तैयारी भी कर चुके हैं. पारस चाहते हैं कि यशराज अलौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ें और वहीं, चिराग भी अपने भांजे को अलौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने का वादा कर चुके हैं. इस वजह से ये पूरा मामला बढ़ता जा रहा है.

पूरी तरह पॉलिटिकल हो चुकी है खींचतान

इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पासवान परिवार के भीतर खींचतान अब केवल पारिवारिक नहीं रही, बल्कि पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुकी है. संपत्ति विवाद के बहाने रिश्तों की गर्मी और सियासी महत्वाकांक्षाएं एक-दूसरे से टकरा रही हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह विवाद आगे चलकर लोजपा को और कमजोर करेगा या कोई सुलह की राह निकलेगी. अभी के लिए तो यह जंग जारी है. घर के अंदर भी और संसद के गलियारों में भी.

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