नाम ओसामा लेकिन काम... सीवान के बदनाम सुल्तान के बेटे अब बन गए माननीय MLA, इशारों पर नाचने को 'पुलिस' भी होगी मजबूर

सीवान के कुख्यात बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब अब रघुनाथपुर से विधायक चुने गए हैं. कभी जिन आपराधिक मामलों में पुलिस उन्हें खोजती थी, अब वही पुलिस उन्हें ‘माननीय’ कहकर सलाम करेगी. लंदन में कानून की पढ़ाई करने वाले ओसामा पर कई केस दर्ज हैं और वे जमानत पर बाहर हैं. पिता की मौत के बाद लालू प्रसाद यादव के करीब आकर उन्होंने राजनीति में कदम मजबूत किए और 2025 के चुनाव में जीत हासिल की.;

कहते हैं जिस अपराधी को कहीं जगह न मिले वह ‘राजनीति’ ज्वाइन कर ले. यूं तो इस कहावत से कोई ही दूर रहा होगा. मगर बिहार में तो यह कहावत खूब चरितार्थ होती है. अब जबसे रघुनाथपुर विधानसभा सीट से ओसामा शहाब ने लालू यादव की पार्टी की ओर से चुनाव जीता है. तब से यह कहावत बिहार में खूब कही सुनी जा रही है. लोगों का कहना है कि बिहार को सुधारने का मतलब .....की दुम को सीधा करने जैसी नाकाम कोशिश है. फिलहाल कल तक सीवान के सुल्तान मरहूम मोहम्मद शहाबुद्दीन के जिस बिगड़ैल पुत्र को अक्सर पुलिस तलाशा करती थी. अब हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में वही ओसामा शहाब भी माननीय विधायक जी चुन लिए गए हैं. ऐसे ओसामा शहाब की इनसाइड स्टोरी पढ़ना जरूरी है.

सीवान के बदनाम बाहुबली सुल्तान मरहूम मोहम्मद शहाबुद्दीन के लंदन रिटर्न बिगड़ैल पुत्र और थाने-चौकी में नामजद ‘आरोपी’ ओसामा शहाब अब चुनाव जीतकर ‘माननीय’ सफेदपोश नेता बन चुके हैं. जो खाकी वर्दी इन्हीं बिगड़ैल पूर्व सांसद पुत्र को कल तक बाहुबली बदनाम दबंग कुछ आपराधिक मामलों में संदिग्ध के रूप में तलाशा करती थी, अब यही ओसामा शहाब बिहार में जंगलराज कायम करने के लिए बदनाम और राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेकाबू पुत्र तेजस्वी यादव की मेहरबानी से कहिए या फिर रहम-ओ-करम से, रघुनाथपुर सीट से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जीतकर ‘माननीय विधायक’ बन चुके हैं.

कानून के ऊपर भारी पड़ते रहे हैं बाहबुली नेता

ऐसे में साफ है कि बीते कल तक तमाम थाने-चौकी की जो पुलिस इस ओसामा शहाब की तमाम दर्ज मामलों में तलाश किया करती थी. अब बदले हुए वक्त से सामने मजबूर हुई वही बिहार पुलिस अंधी-गूंगी बहरी बनकर ऐसे ओसामा शहाब को दिन-रात ‘सर-सर’ “विधायक जी” “एमएलए साहब” के संबोधन से पुकारने को मजबूर होगी. इसलिए क्योंकि अब ओसामा शहाब माननीय सफेदपोश विधायक-नेता जी बन चुके हैं. कभी किसी इलाके की पुलिस रही होगी जो किसी आपराधिक किस्म के नेता के ऊपर भारी पड़ सकी हो. वरना बिहार की घटिया गंदी राजनीति (लालू राबड़ी यादव का राज) का इतिहास उठाकर देख लीजिए. हमेशा कानून और खाकी के ऊपर व्हाइट कॉलर क्राइम और बाहबुली नेता ही भारी पड़े हैं.

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पिता की बदनामी के साए से बचाने को दिल्‍ली में हुई पढ़ाई

बिहार में जंगलराज के बदनाम नाम मरहूम शहाबुद्दीन और हिना शहाब के घर 12 जून सन् 1995 को जन्मे लड़के का नाम ओसामा रखने के पीछे भी एक छोटी सी कहानी है. दरअसल ओसामा एक अरबी शब्द है. जिसका हिंदी में अर्थ होता है “शेर”. यह अरबी शब्द ‘उसामा’ से निकला है. जोकि दिलेर-बहादुर दमदार मर्दों के लिए लिखा पढ़ा इस्तेमाल किया जाता है. पिता शहाबुद्दीन और मां हिना शहाब की तमन्ना थी कि उनकी औलाद ओसामा पर, पिता की बदनाम डॉन बाहुबली की काली छाया या उसका साया कतई न पड़े. ओसामा पढ़ लिखकर अच्छा इंसान बने. इसीलिए उसे बदनाम बिहार से दूर दिल्ली के एक बड़े स्कूल में पढ़ने भेजा गया. उसके बाद वह एलएलबी यानी कानून पढ़ने लंदन चला गया. शायद इसलिए ताकि वो अपने बिगड़ैल-बदनाम और बिहार के बाहुबली बाप सीवान के सुल्तान जोकि अब दुनिया में नहीं हैं, मोहम्मद शहाबुद्दीन को तमाम मुकदमों से बेदाग साफ साफ बचा सके.

लालू के दरबार में हाजिरी लगाने का मिला इनाम

ऐसा कुछ हो पाता उससे पहले ही सीवान के सुल्तान यानी इसी ओसामा शहाब के पिता मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोरोना काल में दर्दनाक मौत दिल्ली में हो गई. पिता की मौत के बाद जब ओसामा शहाब के सामने बाप के वर्चस्व को बचाने और खुद अपना भविष्य बनाने का सवाल आया. तो इसके लिए उसने चारा घोटाले में अपनी एक टांग जेल में और एक टांग अस्पताल या घर में फंसाए बैठे रहने वाले, बिहार में जंगलराज के जन्मदाता के रूप में बदनाम लालू प्रसाद यादव के यहां गद्दी लगानी शुरू कर दी. जिसका उसे प्रसाद मिला विधानसभा चुनाव 2025 में रघुनाथपुर सीट से राजद के टिकट पर चुनाव जीतकर माननीय विधायक बन जाने के रूप में.

जेल में रहकर भी कम नहीं हुई हनक

सोचिए दिल्ली और लंदन रिटर्न ऐसा ओसामा शहाब भी खुद को पिता के बदनाम नाम की काली छाया से महफूज नहीं रख सका. इसकी तस्दीक खुद ओसामा द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान दाखिल नामांकन पत्र में दी गई जानकारी करती है. जिसके मुताबिक उसके खिलाफ कुछ आपराधिक मामले थाने-चौकी में लंबित हैं. कुछ मामलों में वह जमानत पर है. कुछ मामलों में वह जेल भी जा चुका है. गंभीर तो यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले जनवरी में तीन महीने तक जेल में बंद रहने के बाद भी ओसामा शहाब की हनक कम नहीं हुई.

जमानत पर हैं ओसामा शहाब

क्राइम कुंडली उठाकर देखें तो सीवान के खूंखार बदनाम नाम रहे मरहूम मोहम्मद शहाबुद्दीन के बिगड़ैल पुत्र और अब “विधायकजी” बन चुके ओसामा शहाब के खिलाफ दो प्रमुख बड़े मुकदमे दर्ज हैं. एक तो मोतिहारी में अपने सगे संबंधियों के ऊपर जमीनी विवाद में हमला कर देने का, दूसरा मुकदमा हुसैनगंज थाना क्षेत्र के छपिया में भी जमीन संबंधी विवाद में ही दर्ज है. दोनो ही मामलों में फिलहाल ओसामा शहाब कोर्ट से जमानत पर हैं.

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