ड्यूटी में लापरवाही के चलते 100 पुलिसवालों की रोक दी थी सैलरी, छापेमारी में माहिर, कौन हैं IPS शुभम आर्य जिन्होंने ई-मालखाना किया शुरू?
बिहार के बक्सर में इन दिनों एक नाम तेजी से सुर्खियों में है, वह IPS शुभम आर्य है. सख्ती, अनुशासन और बेबाक फैसलों के लिए मशहूर इस SP ने जिले की पुलिसिंग का पूरा चेहरा बदलकर रख दिया है. चाहे ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले 100 पुलिसकर्मियों की सैलरी रोकना हो, एक सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड करना हो, या फिर आधी रात तक अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी, शुभम आर्य अपने एक्शन-पैक अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं.;
बिहार के बक्सर जिले में लंबे समय से पुलिस के लिए सबसे सिरदर्द बने हुए थे मालखाने, धूल से भरे, सामानों से पटे हुए वो कमरे जहां सबूत इतने बेतरतीब पड़े रहते थे कि उन्हें ढूंढना किसी सजा से कम नहीं था. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है, और इस बदलाव की वजह हैं IPS अधिकारी शुभम आर्य, बक्सर के कड़े लेकिन ईमानदार और विज़नरी पुलिस कप्तान.
उनके नेतृत्व में बक्सर पुलिस ने ई-मालखाना प्रणाली शुरू की है, जहां अब हर सबूत को डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर किया जा रहा है ताकि ट्रैकिंग तेज़ और ट्रांसपेरेंट हो सके. लेकिन यह तो सिर्फ एक शुरुआत है. चलिए ऐसे में जानते हैं कौन हैं शुभम आर्य.
कौन हैं आईपीएम शुभम आर्य?
शुभम आर्या उन अधिकारियों में से हैं जिनकी शैक्षणिक यात्रा ही उनके नेतृत्व की क्षमता का अंदाज़ा दे देती है.
- बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई.
- आईआईटी खड़गपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शुरुआत
- उसके बाद भारतीय रेल में असिस्टेंट वर्कशॉप मैनेजर (AWM).
- फिर यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर आईपीएस अधिकारी बने.
इन पदों पर कर चुके हैं काम
दिसंबर 2019 से अगस्त 2021 तक वे भारत सरकार में IPS प्रोबेशनर रहे. इसके बाद सितंबर 2021 से जनवरी 2024 तक उन्होंने बिहार में असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) के रूप में कार्य किया. जनवरी 2024 से वे बक्सर के सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) के रूप में शानदार नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं. यह अनुभव उन्हें उन अधिकारियों में शामिल करता है, जिनके पास न केवल तकनीकी दक्षता है, बल्कि प्रशासनिक कड़ाई और सुधारों को लागू करने का क्लियर विज़न भी मौजूद है.
शुभम आर्य ले चुके हैं ये बड़े-बड़े फैसले
बक्सर में पदभार संभालते ही शुभम आर्य ने साफ कर दिया कि किसी भी तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने पहले चेतावनी दी और फिर सख्त कदम उठाए. एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया, जबकि 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की सैलरी रोक दी गई, जिनमें इंडस्ट्रियल एरिया थाना प्रभारी भी शामिल थे. ड्यूटी में सुस्ती, प्रशासनिक गलतियां और कामकाज में सुस्ती-ये सभी कार्रवाई की मुख्य वजहें थीं. शुभम आर्य की यह पहल साफ दिखाती है कि सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए वे किसी भी स्तर पर कड़े निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे.
ई-मालखाना- बक्सर में शुरुआत एक बड़े बदलाव की
सालों से जमा धूलभरे मालखाने अब तकनीक की मदद से साफ, व्यवस्थित और डिजिटल हो रहे हैं. IPS शुभम आर्या की यह पहल न सिर्फ सबूतों की सुरक्षा बढ़ाएगी, बल्कि तेज़ जांच और पारदर्शी व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगी. यह सुधार दिखाता है कि वे न सिर्फ अपराध से लड़ रहे हैं, बल्कि पुलिस सिस्टम को आधुनिक बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठा रहे हैं. IPS शुभम आर्या सिर्फ एक सख्त SP नहीं, बल्कि दूरदर्शी, अनुशासित और नवाचार करने वाले अफसर हैं.