रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति से संन्यास लेने का किया एलान, कहा- परिवार से नाता तोड़ रही हूं; क्या लालू फैमिली में सब 'ठीक बा'?

RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर चौंकाने वाला ऐलान करते हुए कहा कि वह राजनीति छोड़ रही हैं और अपने परिवार से दूरी बना रही हैं. उन्होंने दावा किया कि संजय यादव और रमीज़ ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था और वह अब सारे आरोप व जिम्मेदारियां खुद ले रही हैं. यह बयान RJD की चुनावी हार और पार्टी के अंदरूनी तनाव के बीच आया है, जिसने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. पार्टी की ओर से अभी इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 15 Nov 2025 3:59 PM IST

Rohini Acharya Announces Exit from Politics: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बेटी और पूर्व लोकसभा उम्मीदवार रोहिणी आचार्य ने कहा है कि वह राजनीति छोड़ रही हैं और अपने परिवार से दूरी बना रही हैं.  उन्होंने इस भारी फैसले के पीछे दो नामों का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह वही है जो संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे करने के लिए कहा था, और वह अब सारी जिम्मेदारियां और आरोप अपने ऊपर ले रही हैं.

सोशल मीडिया पर जारी संदेश में रोहिणी आचार्य ने लिखा कि वह बीते कुछ समय से गहरे मानसिक दबाव में थीं और उनसे लगातार ऐसे निर्णय लेने को कहा जा रहा था जिनसे वह सहमत नहीं थीं. उन्होंने कहा कि वह अब राजनीति और परिवार दोनों से 'एक कदम पीछे हट रही हैं' क्योंकि स्थिति 'काबू से बाहर' हो चुकी है.

बिहार की सियासत में भूचाल

रोहिणी के इस बयान ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है। RJD के भीतर चल रहे खींचतान और चुनावी हार के बाद बढ़ते दबाव के बीच यह कदम पार्टी हाईकमान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. संजय यादव को तेजस्वी यादव का सबसे करीबी रणनीतिक सलाहकार माना जाता है, जबकि रमीज़ भी संगठन में सक्रिय रहे हैं. रोहिणी द्वारा सीधे-सीधे इन दोनों का नाम लेना राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर रहा है.

पिछले कुछ महीनों से आंतरिक मतभेदों से परेशान थीं रोहिणी

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, रोहिणी पिछले कुछ महीनों से आंतरिक मतभेदों से परेशान थीं और परिवार के भीतर भी कई मुद्दों को लेकर नाराज़ थीं. कुछ नेताओं का कहना है कि चुनावी रणनीतियों और उम्मीदवार चयन को लेकर उनका पक्ष लगातार नज़रअंदाज किया गया. रोहिणी के इस फैसले के बाद RJD की शीर्ष नेतृत्व पर भी निशाना साधा जा रहा है- खासकर उस समय जब पार्टी बड़ी चुनावी हार के बाद पुनर्गठन की प्रक्रिया में है.

सूत्र बताते हैं कि रोहिणी के इस कदम से न सिर्फ RJD, बल्कि यादव परिवार में भी तनाव और बढ़ सकता है. फिलहाल RJD की ओर से उनकी टिप्पणी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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