बिहार में RJD को मिला नया प्रदेश अध्यक्ष, कौन हैं मंगनी लाल मंडल जिन्हें मिला लालू-तेजस्वी का साथ? पढ़ें डिटेल
Bihar Chunav 2025: आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने मंगनी लाल मंडल को अपना समर्थन देकर जेडीयू-बीजेपी के सामने सियासी चुनौती पेश कर दी है. आरजेडी के इस रुख को अति पिछड़ा वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश माना जा रहा है. क्या बीजेपी-जेडीयू के पास आरजेडी के इस 'कास्ट कार्ड' का जवाब है?;
Mangni Lal Mandal: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल ने बड़ा खेल कर दिया है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने राजपूत बिरादरी से आने वाले जगदानंद सिंह को हटाकर आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष मिथिलांचल के अति पिछड़े तबके के नेता मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है. आरजेडी के यह रुख से सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी दोनों की मुश्किलें बढ़ाने वाली है.
पटना में 14 जून को नामांकन दाखिल हुआ. उसके बाद प्रदेश उसके बाद नामांकन और चुनावी प्रक्रिया की औपचारिकता संपन्न होने के बाद मंगनी लाल मंडल को आरजेडी प्रदेश नया अध्यक्ष घोषित किया गया. पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंगनी लाल मंडल को लालू यादव का आशीर्वाद और तेजस्वी यादव का साथ पहले ही मिल गया था.
समाजवादी नेता हैं मंगनी लाल मंडल- तेजस्वी यादव
मंगनी लाल मंडल को बिहार राजद का नया अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "वे एक अनुभवी राजनेता हैं. वह दशकों से कमजोर लोगों की आवाज उठाते आए हैं. उन्होंने हमारे पिता के साथ कई वर्षों तक काम किया है. समाजवादी राजनीति को आगे बढ़ाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है."
कौन हैं मंगनी लाल मंडल?
मंगनी लाल मंडल हाल ही में आरजेडी में शामिल हुए थे. वह बिहार के अनुभवी राजनेता हैं. वह बिहार में लोकसभा, राज्यसभा और विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. मंगनी लाल मंडल झंझारपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
वह 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे. इस दौरान राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया. वे 2004 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. माना जा रहा है कि मंगनी लाल मंडल का लंबा अनुभव और राजनीतिक समझ आरजेडी के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित हो सकती है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए.
जातीय समीकरण साधने की कोशिश
मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं. इस वर्ग के वोट पर नीतीश कुमार पकड़ सबसे ज्यादा है. बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या करीब 36 फीसदी है. मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर चुनावी साल राष्ट्रीय जनता दल ने प्रदेश में जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है. इसी वोट बैंक पर इस बार भारतीय जनता पार्टी की भी नजर है. नीतीश कुमार की पार्टी की मजबूती का कोर मतदाता भी इसी तबको को माना जाता है.
अब अहम सवाल यह है कि क्या मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ा वर्ग का वोट दिलाकर प्रदेश में आरजेडी सरकार बना पाएंगे? फिलहाल, आरजेडी ने मंगनी लाल मंडल का नाम आगे कर जाति आधारित राजनीति का कार्ड खेल दिया है.