नि:संतान महिलाओं को गर्भवती बनाओ, 5 लाख पाओ! प्रेग्नेंसी के नाम पर यहां हो रहा लूट का गजब खेल

बिहार के नवादा जिले में साइबर अपराध का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां 'ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब' नाम की फर्जी कंपनी के ज़रिए महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर ठगी की जा रही थी. इस गिरोह ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर यह झांसा दिया कि जो महिलाएं मां नहीं बन पा रहीं, उन्हें प्रेग्नेंट करने पर 5 लाख रुपये मिलेंगे.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 9 Jun 2025 12:18 AM IST

बिहार के नवादा जिले से एक ऐसा शर्मनाक साइबर फ्रॉड सामने आया है जिसने इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया है. यहां एक हाई-टेक साइबर गिरोह ने 'महिलाओं को गर्भवती बनाने की गारंटी' और 'घर बैठे लाखों कमाओ' जैसे फर्जी वादों से पूरे देश में लोगों को ठगने का घिनौना धंधा चला रखा था.

क्या है मामला?

रोह थाना के कुंज गांव में बधार के इलाके में जब पुलिस ने छापा मारा, तो वहां से जो सच निकला उसने अफसरों को भी हैरान कर दिया. साइबर सेल की स्पेशल टीम (SIT) को गृह मंत्रालय के डेटा और मोबाइल नंबर ट्रैकिंग से इस नेटवर्क का पता चला था. चार ठग पकड़ाए, जिनमें से तीन नाबालिग और एक 26 साल का राजेश कुमार है – जो सेना के जवान का बेटा निकला.

‘ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब’- ये क्या है?

गिरोह ने एक फर्जी कंपनी बनाई थी “ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब”. सोशल मीडिया और अखबारों में विज्ञापन डालकर वो महिलाओं को फंसाते थे. दावा किया जाता था. “जो महिलाएं माँ नहीं बन पा रही हैं, उन्हें हम गर्भवती बनाएंगे… बदले में 5 लाख रुपये दिए जाएंगे. एक लड़की के वीडियो से ऐड चलाया जा रहा था जिसमें वह महिला उपभोक्ताओं को फ्रॉड स्कीम का हिस्सा बनने के लिए उकसाती थी. रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसे ऐंठे जाते थे और फिर नंबर ब्लॉक.

‘घर बैठे लाखों कमाओ’ - दूसरा जाल

यही गैंग देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनियों के नाम पर भी ठगी करता था. फेसबुक-इंस्टा जैसे प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन चलते- “घर बैठे जॉब करें – सिर्फ कॉलिंग और मैसेज सेंडिंग का काम, सैलरी ₹22,500 से ₹75,000… लैपटॉप और मोबाइल फ्री!” लड़कों, लड़कियों, गृहिणियों और स्टूडेंट्स को टारगेट किया जाता था. लेकिन एक बार फंसने के बाद उनसे मोटी रकम ऐंठी जाती थी- और फिर ब्लैकआउट.

छापेमारी और बरामद सबूत

पांच मोबाइल फोन, एक की-पैड डिवाइस, सोशल मीडिया ऐड वीडियो, फर्जी रजिस्ट्रेशन फॉर्म, ठगी गई रकम के कुछ डिजिटल रिकॉर्ड. पूछताछ में गिरफ्तार युवकों ने कबूला कि पूरे ऑपरेशन का मास्टरमाइंड ‘सरगना’ है, जो फिलहाल फरार है. सारे सोशल मीडिया ऐड और पीड़ितों की डिटेल वही मुहैया कराता था.

प्रशासन की कार्रवाई

साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति की अगुवाई में टीम बनी जिसमें सब-इंस्पेक्टर से लेकर महिला सिपाही तक शामिल थे. इनके खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में साइबर थाना कांड संख्या-85/25 दर्ज की गई है.

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