कामाख्या एक्सप्रेस से उतरा… और सीधे STF के जाल में फंसा मोनू सिंह, छोटे सरकार पर की थी 50 राउंड फायरिंग
जनवरी 2025 के मोकामा फायरिंग कांड में फरार मोनू सिंह को बिहार STF ने बरौनी जंक्शन से गिरफ्तार कर लिया. कामाख्या एक्सप्रेस से उतरते ही चारों ओर से घेराबंदी कर उसे काबू किया गया. भाई सोनू पहले ही जेल जा चुका था, वहीं अनंत सिंह हाल में बेल पर बाहर आए हैं. अब केस में नए खुलासों की उम्मीद.;
जनवरी 2025 के मोकामा फायरिंग कांड का कुख्यात नाम और फरार अपराधी मोनू सिंह आखिरकार पुलिस के जाल में फंस गया. शुक्रवार की देर रात बरौनी जंक्शन पर एक फिल्मी सीन जैसा मंजर था. कामाख्या एक्सप्रेस धीरे-धीरे प्लेटफॉर्म पर रुकी. ट्रेन से उतरते ही चारों ओर से घेराबंदी. सादे कपड़ों में तैनात STF के कमांडो ने एक पल में मोनू को काबू कर लिया. भीड़ को पहले समझ नहीं आया कि हुआ क्या, लेकिन कुछ ही सेकंड में स्टेशन पर चर्चा फैल गई—"मोनू सिंह पकड़ा गया."
STF कई महीनों से मोनू की लोकेशन ट्रैक कर रही थी. इनपुट मिला कि वह असम से कामाख्या एक्सप्रेस में सफर कर रहा है और बरौनी पर उतरने वाला है. टीम ने पहले ही स्टेशन पर मोर्चा संभाल लिया था. हर प्लेटफॉर्म, हर निकास और स्टेशन के बाहर तक तैनाती की गई. जैसे ही मोनू ने ट्रेन से कदम बाहर रखा, सादे कपड़ों में खड़े जवानों ने उसे घेरकर हथकड़ी पहना दी. उसके बैग, मोबाइल और कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
भाई पहले ही सलाखों के पीछे
फायरिंग कांड के बाद मोनू का भाई सोनू सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ा था. वह महीनों जेल में रहा और हाल ही में बेल पर बाहर आया. वहीं मोनू गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार जगह बदलता रहा. STF की मानें तो मोनू कई राज्यों में घूमता रहा और असम में छुपा था. अब उसकी गिरफ्तारी के बाद इस केस में कई परतें खुलने की उम्मीद है.
अनंत सिंह की बेल के बाद बढ़ी हलचल
मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह भी इसी फायरिंग केस के आरोपी हैं. बीते मंगलवार को उन्हें पटना हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. जेल से बाहर आते ही उनकी वापसी पर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी. मोनू की गिरफ्तारी ने इस केस को फिर से मीडिया की सुर्खियों में ला दिया है. पुलिस को शक है कि फायरिंग के पीछे निजी दुश्मनी और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई दोनों ही वजहें थीं.
50-60 राउंड गोलियों ने दहला दिया था गांव
जनवरी की उस सर्द रात नौरंगा जलालपुर गांव अचानक गोलियों की आवाज से कांप उठा था. आरोप है कि सोनू–मोनू गैंग ने एक परिवार को घर से निकालकर ताला जड़ दिया था. यह विवाद पैसों के लेन-देन से जुड़ा था. शिकायत अनंत सिंह तक पहुंची और वे इसे सुलझाने गांव पहुंचे. लेकिन वहां बहस इतनी बढ़ी कि दोनों पक्षों से गोलियां चलने लगीं. चश्मदीद बताते हैं कि 50 से 60 राउंड फायरिंग हुई और लोग घरों में कैद होकर दहशत में रात गुजारने को मजबूर हो गए.
गांव में तनाव, पुलिस चौकन्नी
घटना के बाद से गांव में तनाव बना हुआ है. पुलिस ने वहां भारी फोर्स तैनात कर रखी है ताकि फिर से हिंसा न भड़क सके. मोनू से STF की पूछताछ जारी है- किसने फायरिंग की योजना बनाई, हथियार कहां से आए और घटना की असल वजह क्या थी. जांच एजेंसियों को शक है कि आने वाले दिनों में इस केस में और भी बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं.