बिहार में पुरुष टीचर को मिली मैटरनिटी लीव, शिक्षा विभाग के कारनामे से लोटपोट हुए लोग

हाजीपुर महुआ प्रखंड क्षेत्र में एक उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती स्कूल का है. यहां पर बीपीएससी के एक टीचर जितेंद्र कुमार सिंह को शिक्षा विभाग की ओर से मैटरनिटी लीव दी गई. इतना ही नहीं पोर्टल ई शिक्षा कोष पर भी यह लीव दिखाई दे रही है.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 24 Dec 2024 2:57 PM IST

Hajipur News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था और विभाग को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं. प्रदेश में दिन अजीबोगरीब घटनाएं देखने को मिलती है. जिससे शिक्षा विभाग चर्चा का विषय बन जाता है. अब इस बार तो सारी हदें पार हो गई हैं और सोशल मीडिया पर काफी मजाक उड़ाजा रहा है. डिपार्टमेंट ने एक पुरुष टीचर को मैटरनिटी लीव दे दी. इस खबर को सुनकर हर कोई चौंक गया है और मजाक बनाया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, हाजीपुर महुआ प्रखंड क्षेत्र में एक उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती स्कूल का है. यहां पर बीपीएससी के एक टीचर जितेंद्र कुमार सिंह को शिक्षा विभाग की ओर से मैटरनिटी लीव दी गई. इतना ही नहीं पोर्टल ई शिक्षा कोष पर भी यह लीव दिखाई दे रही है.

पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी

जितेंद्र कुमार सिंह मैटरनिटी लीव देने से संबंधित जानकारी ई शिक्षा कोष पर भी अपलोड कर दी गई. वेबसाइट के मुताबिक वह शिक्षक प्रेग्नेंट है और छुट्टी पर हैं. बच्चे की डिलीवरी के बाद वह स्कूल में वापस पढ़ाने के लिए आ जाएंगे. हैरानी की बात यह है कि मैटरनिटी लीव सिर्फ महिलाओं को दी जाती है. वहीं विभाग ने अपनी इस गलती को मान लिया है. प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने कहा कि पोर्टल की गड़बड़ी से ऐसा हुआ है. पुरुष टीचर्स को ऐसी कोई छुट्टी नहीं दी जाती है और हमें इसमें सुधार करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सरकारी पोर्टल पर छुट्टी की डिटेल अपलोड करते समय गलत एंट्री हो गई. यह एक डाटा एंट्री की गलती थी.

टीचर कर रहे फेक अटेंडेंस

इससे पहले बिहार में टीचर्स के द्वारा अटेंडेंस फ्रॉड का मामला सामने आया था. शिक्षा विभाग के सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में जांच में जुटे हैं. वर्चुअली स्कूलों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके. घटना जमुई जिले की हैं, जहां के शिक्षक यूपी में बैठकर अपनी हाजिरी लगा रहे थे. तीन शिक्षकों पर अटेंडेंस फ्रॉड का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद जांच शुरू हुई और इस घोटाले का खुलासा हुआ. जानकारी मिलते ही एस सिद्धार्थ ने फर्जी हाजिरी को रोकने के लिए सभी डीईओ को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की. दोषियों शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए और सैलरी में कटौती का भी निर्देश दिए गए.

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