मछली चारा बनाने वालों को जबरदस्त राहत - अब बिजली बिल का बोझ उठाएगी बिहार सरकार

बिहार सरकार ने मछली चारा बनाने वाले फीड मिलों के लिए फिश फीड मिल विद्युत सहायता योजना-2025-26 लागू की है. इस योजना के तहत फीड मिल संचालकों को बिजली बिल में 3 रुपये प्रति यूनिट दर से प्रतिमाह 2 लाख और सालाना 24 लाख रुपये तक की मदद मिलेगी. इसका लाभ उन यूनिटों को मिलेगा जिनकी उत्पादन क्षमता 2, 8, 20 या 100 टन प्रतिदिन है. इस पहल से मछली चारा सस्ता होगा, मछली पालन की लागत घटेगी और मछुआरों की आय बढ़ेगी.;

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Edited By :  प्रवीण सिंह
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बिहार में मछली पालन से जुड़े किसानों और फीड मिल संचालकों के लिए राहत भरी खबर आई है. राज्य की नीतीश सरकार ने फिश फीड मिल विद्युत सहायता योजना-2025-26 शुरू कर दी है, जिसके तहत मछली चारा बनाने वाली यूनिटों को बिजली बिल में सीधी मदद दी जाएगी. अब मछली चारा बनाने वालों को हर महीने 2 लाख रुपये और सालाना 24 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है.

यह योजना उन फीड मिल संचालकों के लिए है जो प्रतिदिन 2, 8, 20 या 100 टन उत्पादन क्षमता वाली यूनिट चला रहे हैं. सरकार 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली सहायता देगी. इस पहल से न सिर्फ फीड मिल चलाने वालों को राहत मिलेगी, बल्कि मछली पालन की लागत भी घटेगी, जिससे मछुआरों और किसानों को बड़ा फायदा होगा. योजना का उद्देश्य बिहार को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और मछुआरों की आय बढ़ाना है. यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है.

योजना का लाभ किसे मिलेगा?

इस योजना का फायदा उन फीड मिल संचालकों को मिलेगा जो निम्न उत्पादन क्षमता वाली यूनिट चलाते हैं:

  • प्रतिदिन 2 टन उत्पादन क्षमता
  • प्रतिदिन 8 टन उत्पादन क्षमता
  • प्रतिदिन 20 टन उत्पादन क्षमता
  • प्रतिदिन 100 टन उत्पादन क्षमता

योजना के तहत प्रत्येक यूनिट को बिजली पर 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जाएगी. अधिकतम लाभ की सीमा तय की गई है:

  • 2 लाख रुपये प्रति माह तक
  • 24 लाख रुपये प्रति वर्ष तक

ध्यान रहे कि यह सहायता केवल बिजली की मासिक खपत के आधार पर दी जाएगी. इसमें फिक्स चार्ज, मीटर रेंट, डिमांड चार्ज आदि शामिल नहीं होंगे.

आवेदन प्रक्रिया – कैसे मिलेगा लाभ?

फीड मिल संचालकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आधिकारिक वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा.
  • आवेदन के साथ मिल की पोस्टकार्ड साइज फोटो, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी देनी होगी.
  • आवेदन का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया जाएगा.
  • सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सब्सिडी सही पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे और इसका लाभ अधिकतम लोगों को मिले.

यह योजना क्यों है खास?

बिहार सरकार का मानना है कि यह योजना मछली पालन क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी. राज्य में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत अब तक 53 फीड मिलें स्थापित की जा चुकी हैं. बिजली बिल में सब्सिडी मिलने से निम्नलिखित फायदे होंगे:

  • उत्पादन लागत में कमी आएगी.
  • मछली चारा सस्ता मिलेगा, जिससे मछुआरों की आय बढ़ेगी.
  • छोटे और मध्यम उद्यमियों को मछली पालन व्यवसाय में कदम रखने का मौका मिलेगा.
  • मछली पालन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.
  • बिहार को मछली उत्पादन में राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान मिल सकती है.

मत्स्य विभाग के अधिकारियों का कहना है, “बिजली पर यह राहत मछली चारा उत्पादन की लागत घटाकर मछली पालन को और सुलभ बनाएगी. इससे मछुआरों को लाभ होगा और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा.”

मछली पालन में बड़ा बदलाव

मछली पालन बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में आय का एक अहम स्रोत है. लेकिन उत्पादन लागत में वृद्धि की वजह से कई छोटे उद्यमी इसमें आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. बिजली बिल की अधिकता, कच्चे माल की महंगी दरें और परिवहन की लागत के चलते व्यवसाय चलाना कठिन हो गया था. अब सरकार की इस पहल से:

  • नई फीड मिलें स्थापित होंगी.
  • छोटे मछली पालक भी लाभ उठा सकेंगे.
  • उत्पादन बढ़ेगा और बाजार में मछली की उपलब्धता बढ़ेगी.
  • मछली पालन को रोजगार और आय का स्थायी साधन बनाया जा सकेगा.

मछुआरों के लिए अवसर

इस योजना का लाभ सिर्फ फीड मिल संचालकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका फायदा सीधे तौर पर मछुआरों और मछली पालन करने वाले किसानों तक पहुंचेगा. मछली चारा सस्ता मिलने से उत्पादन लागत घटेगी, जिससे अधिक मुनाफा होगा. जिन लोगों ने अभी तक मछली पालन शुरू नहीं किया है, उनके लिए यह योजना बड़ी राहत और अवसर लेकर आई है.

सरकार का उद्देश्य है कि बिहार में मछली उत्पादन को बढ़ावा देकर मछुआरों की आय को दोगुना किया जाए और राज्य को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाए. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

फिश फीड मिल विद्युत सहायता योजना-2025-26 बिहार में मछली पालन से जुड़े व्यवसायों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है. बिजली बिल पर सब्सिडी देकर सरकार ने छोटे-बड़े सभी फीड मिल संचालकों को राहत दी है. इससे उत्पादन लागत घटेगी, मछली चारा सस्ता मिलेगा, और मछुआरों की आय में वृद्धि होगी. योजना से जुड़े आवेदन की प्रक्रिया आसान बनाई गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें. बिहार सरकार की यह पहल न केवल मछली पालन क्षेत्र को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में भी मदद करेगी. यह कदम राज्य को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

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