ये हैं बिहार के पांच बड़े मुस्लिम नेता, गजब है इनकी चाल, बदल देते हैं सियासी हाल

बिहार की राजनीति जितनी जातिगत समीकरणों से चलती है, उतनी ही मजहबी ध्रुवीकरण से भी. मुस्लिम वोट बैंक यहां का वो ‘साइलेंट इंजन’ है, जो किसी भी पार्टी की नैया पार करा सकता है. इस वोट बैंक की कमान जिनके हाथों में है, वो चेहरे बिहार की सियासत में सिर्फ नाम नहीं, पूरा समीकरण हैं. आइए जानते हैं बिहार के 5 ऐसे मुस्लिम नेता जिनकी एक चाल से बदल जाता है चुनावी हाल.;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 1 Aug 2025 1:16 PM IST

बिहार में मुस्लिम मतदाता करीब 17 प्रतिशत हैं. ये आंकड़ा सियासी दलों के लिए किसी "किंगमेकर" से कम नहीं. इन मतों को साधने के लिए जिन नेताओं पर सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है, बिहार में उन मुस्लिम चेहरों अब्दुल बारी सिद्दीकी, अख्तरुल इमान, शाहनवाज हुसैन, अली अशरफ फातमी और तारीक अनवर व अन्य शामिल हैं. ये सिर्फ नेता नहीं, बल्कि अपने-अपने इलाकों में असरदार 'पॉलिटिकल ब्रांड' भी हैं. जानें इस नेताओं के बारे में सब कुछ

1. अब्दुल बारी सिद्दीकी

बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी एक जाना-पहचाना नाम हैं. मधुबनी जिले से ताल्लुक रखने वाले सिद्दीकी ने राज्य सरकार में वित्त, वाणिज्य, और शिक्षा जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाली है. वह बिहार आरजेडी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में वे पार्टी के रणनीतिकार भी माने जाते हैं. साल 2015 में वह अलीनगर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. उन्होंने 2020 का विधानसभा चुनाव अलीनगर से लड़ा लेकिन हार गए, इसके बावजूद वे पार्टी की मुस्लिम राजनीति का एक अहम चेहरा बने हुए हैं.


2. अख्तरुल इमान

अख्तरुल इमान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बिहार अध्यक्ष हैं और सीमांचल की राजनीति में उनकी गहरी पकड़ है. वे कोचाधामन विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं और मुस्लिम हितों की मुखर आवाज माने जाते हैं. पहले आरजेडी और जेडीयू जदयू जैसे दलों में रह चुके इमान अब AIMIM के ज़रिए बिहार में मुस्लिम सियासत को स्वतंत्र स्वरूप देने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी राजनीति अक्सर कट्टरता और सेक्युलर ध्रुवीकरण के बीच बहस में उलझी रहती है.

3. शाहनवाज हुसैन

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुस्लिम चेहरों में सबसे प्रमुख नामों में से एक हैं शाहनवाज हुसैन. किशनगंज से लोकसभा सांसद रह चुके शाहनवाज केंद्र में वाजपेयी सरकार के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे. वे पार्टी की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता की भूमिका भी निभा चुके हैं और मुस्लिम समाज के बीच BJP की स्वीकार्यता बढ़ाने का प्रयास करते रहे हैं. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में उनकी सक्रियता में कमी आई है, लेकिन वे अब भी एक सुलझे और संवादप्रिय नेता के रूप में पहचाने जाते हैं.

4. अली अशरफ फातमी

अली अशरफ फातमी कभी आरजेडी के मजबूत मुस्लिम नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. वे दरभंगा से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे. शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में उनकी छवि एक पढ़े-लिखे नेता की रही है. हालांकि, हाल के वर्षों में उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता थोड़ी कम हुई है, लेकिन मिथिलांचल में उनकी पहचान बनी हुई है.


5. तारिक अनवर

तारिक अनवर बिहार से राष्ट्रीय राजनीति में उभरे एक प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस और एनसीपी दोनों पार्टियों में अहम भूमिका निभाई है. वक केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. वे शरद पवार के साथ मिलकर NCP के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे, लेकिन बाद में फिर से कांग्रेस में लौट आए. कटिहार से कई बार सांसद रह चुके तारीक अनवर को एक सुलझे, अनुभवी और संतुलित मुस्लिम नेता के रूप में देखा जाता है. संसद में उनकी बहस की शैली और तार्किकता को व्यापक सम्मान मिला है.


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