नीतीश कैबिनेट में शामिल एकमात्र मुस्लिम मंत्री जमा खान कौन हैं? जानें उनका सियासी सफर
Jama Khan Nitish Cabinet: कैमूर जिले के चैनपुर से विधायक जमा खान एक मात्र ऐसे मुस्लिम शख्स हैं, जिन्हें बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया है. जेडीयू विधायक नीतीश सरकार में इससे पहले की सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. जानें उनका राजनीतिक सफर डिटेल में.;
बिहार के नए मंत्रिमंडल में मोहम्मद जमां खान एक मात्र मुस्लिम चेहरा हैं. चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जमां खान जेडीयू में साल 2024 में शामिल हुए थे. उन्होंने इससे पहले भी नीतीश सरकार में मंत्री पद संभाला था. उनकी नियुक्ति अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक राजनीतिक संदेश है.
सियासी करियर
जमां खान चैनपुर (कैमूर) विधानसभा सीट से विधायक हैं. वे पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर जीते थे. बाद में उन्होंने जेडीयू (JD-U) में शामिल होकर नीतीश कुमार सरकार का हिस्सा बने. उन्हें कई बार मंत्री पद मिला है. उन्होंने चौथी बार मंत्री पद की शपथ ली है.
इससे पहले जमां खान को अल्पसंख्यक कल्याण (Minority Welfare) विभाग में जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने यह दावा किया है कि उनकी सरकार विकास-उन्मुख है और लगातार अल्पसंख्यक समाज के लिए काम कर रही है. उन्होंने नालंदा, जमुई और कैमूर जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय स्कूल और छात्रावास बनाने की घोषणा की थी.
हिंदुओं को बताते हैं अपना पूर्वज
जमां खान ने एक बार कहा था कि वे हिंदू पूर्वजों से आते हैं और उनके पूर्वजों ने इस्लाम कबूल किया था. उनका यह बयान कुछ विवादों में रहा था. उन्होंने अपने खानदान की ऐतिहासिक और सांप्रदायिक पहचान पर खुलकर बात की थी. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, उनकी इस पेजिंग से जेडीयू को अल्पसंख्यकों में प्रतिनिधित्व दिखाने में मदद मिलती है, विशेषकर मुस्लिम समुदाय में.
स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं पर देते हैं जोर
2020 में उन्होंने BSP के टिकट से चैनपुर विधानसभा सीट जीती थी. बाद में जेडीयू में शामिल होकर उन्होंने इसे मजबूत किया और मंत्री पद हासिल किया. वह अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की बात करते हुए विकास को प्राथमिकता देने के लिए जाने जाते हैं.
कौन हैं जमा खान?
चैनपुर से जेडीयू विधायक का पूरा नाम मोहम्मद जमां खान (Mohammad Jama Khan) है. जेडीयू से पहले वह बसपा नेता थे. नीतीश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रह चुके हैं. वह लगातार विधायक चुने जाते हैं मंत्री भी बनते रहे हैं. उनका मकसद अल्पसंख्यक में शिक्षा का विस्तार, आवासीय स्कूल और रुढ़ियों से बाहन निकालने के लिए प्रयास करना है.