Bihar Election 2025: ओवैसी के एलान से खौफ में क्यों तेजस्वी? RJD पर बढ़ा प्रेशर, सीमांचल की इन 11 सीटों पर बिगड़ेगा खेल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल क्षेत्र में RJD के मुस्लिम-यादव समीकरण को चुनौती दे दी है. मुस्लिम आबादी वाले 11 सीटों पर AIMIM का असर बढ़ रहा है. 2020 में पांच सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी पार्टी इस बार 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है. राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि ओवैसी की सक्रियता तेजस्वी यादव की RJD के लिए चिंता का कारण बन सकती है.;

( Image Source:  sora ai )
Edited By :  नवनीत कुमार
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीतिक गर्मी अपने चरम पर है. सीटों का समीकरण और जाति-धर्म के आधार पर रणनीति तय करने का काम जोरों पर है. महागठबंधन के लिए RJD का मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण अब भी अहम माना जाता है, लेकिन इस बार AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल क्षेत्र में चुनौती पेश की है. उनकी पार्टी तेजस्वी यादव की RJD को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखती है, खासकर उन सीटों पर जहां मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है.

सीमांचल क्षेत्र में मुख्य रूप से चार जिले आते हैं- कटिहार, किशनगंज, अररिया और पूर्णिया. ये इलाके लंबे समय से मुस्लिम वोटरों के आधार पर राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि बिहार की जनता को नया विकल्प चाहिए और AIMIM वह विकल्प बनना चाहती है. पार्टी सीमांचल की सीटों पर अपनी पैठ मजबूत करने के लिए पूरी रणनीति बना रही है.

AIMIM ने 2015 में पहली बार लड़ा था चुनाव

पार्टी ने 2015 में पहली बार बिहार में चुनाव लड़ा. छह सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए, मगर कोई जीत नहीं मिली. किशनगंज के कोचाधामन विधानसभा सीट से प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने लगभग 37 हजार वोट हासिल किए. यह कुल मतों का लगभग 26 प्रतिशत था. 2020 में पार्टी ने सीमांचल की पांच सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखा दी.

2020 में AIMIM की सफलता

साल 2020 में एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. पांच सीटों अमौर, बहादुरगंज, बायसी, कोचाधामन और जोकीहाट पर जीत हासिल हुई. विजयी उम्मीदवारों में अख्तरुल ईमान, मोहम्मद अंजार नइमी, सैयद रुकनुद्दीन, इजहार असर्फी और शाहनवाज आलम शामिल थे. हालांकि 2022 में चार विधायक RJD में शामिल हो गए, लेकिन पार्टी का प्रभाव सीमांचल में बरकरार रहा.

मुस्लिम वोटर समीकरण

बिहार में कुल मुस्लिम आबादी 17.7 प्रतिशत है. राज्य की 47 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. इनमें 11 सीटों पर मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है, सात सीटों पर 30 प्रतिशत से ऊपर और 29 सीटों पर 20-30 प्रतिशत के बीच है. अधिकतर यह सीटें सीमांचल में ही हैं, जहां AIMIM का असर बढ़ता दिख रहा है.

एआईएमआईएम की सीटों की मांग

प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि पार्टी ने महागठबंधन को पत्र भेजकर कुछ सीटों की मांग की, लेकिन किसी भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला. अब AIMIM ने 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की रणनीति बनाई है. उनका लक्ष्य है कि राज्य में मतदाता जनता को एक नया विकल्प दें. अब AIMIM ने पहली लिस्ट जारी कर 32 उम्मीदवार के नामों का एलान कर दिया है.

तेजस्वी के लिए चुनौती

RJD का मुस्लिम-यादव समीकरण अब भी कारगर है, लेकिन ओवैसी की पार्टी ने इस समीकरण में सेंधमारी कर दी है. सीमांचल के पांच जिलों में AIMIM की पकड़ RJD के लिए चिंता का विषय बन गई है. विशेषज्ञ मानते हैं कि ओवैसी की सक्रियता से महागठबंधन की पारंपरिक पकड़ कमजोर हो सकती है.

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