बंद आपका पर हमारा क्या कसूर! बिहार बंद में प्रेग्नेंट महिला से लेकर टीचर-छात्र सब हलकान - वायरल वीडियो देख खून खौल जाएगा
प्रधानमंत्री मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में एनडीए ने बिहार बंद बुलाया. सोशल मीडिया पर एंबुलेंस रोकने, शिक्षिका से नोकझोंक और युवक की पिटाई जैसे वीडियो वायरल हुए. विपक्ष ने एनडीए पर गुंडागर्दी और जनता को परेशान करने का आरोप लगाया.;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को लेकर अभद्र टिप्पणी के विरोध में एनडीए की ओर से गुरुवार को बिहार बंद का आह्वान किया गया. बंद का असर सुबह से ही बिहार के कई जिलों में देखने को मिला. जगह-जगह सड़कें जाम की गईं और कार्यकर्ता आंदोलन करते दिखे. हालांकि इस बंद के कारण आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. सबसे बड़ी बात यह रही कि बंद समर्थकों की गतिविधियों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिन्हें लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है.
बिहार बंद की पृष्ठभूमि दरभंगा में हुई महागठबंधन की एक रैली से जुड़ी है. इस रैली के दौरान मंच से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां पर कथित अपशब्द कहे गए थे. इसी बयान को लेकर एनडीए ने विरोध दर्ज कराते हुए राज्यव्यापी बंद बुलाया. सुबह 7 बजे से ही एनडीए कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और दुकानों, स्कूलों तथा परिवहन को बंद कराने की कोशिश करने लगे.
वायरल वीडियो ने बढ़ाया विवाद
बंद के दौरान सोशल मीडिया पर कई वीडियो तेजी से वायरल हुए. सबसे पहले जहानाबाद का एक वीडियो सामने आया, जिसमें एनडीए समर्थक लोगों को जबरन रोकते हुए नजर आए. इन वीडियो के वायरल होते ही आरजेडी और महागठबंधन के अन्य दलों ने एनडीए पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया और पूछा कि आखिर बंद के नाम पर जनता को क्यों परेशान किया जा रहा है.
एंबुलेंस रोकने का मामला
सबसे ज्यादा चर्चा एक ऐसे वीडियो की हो रही है जिसमें बंद समर्थक एंबुलेंस तक को रोकते दिखे. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला गंभीर दर्द में एंबुलेंस से अस्पताल जा रही थी, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एंबुलेंस को आगे बढ़ने नहीं दिया. इस घटना ने सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश फैलाया और लोग एनडीए के रवैये पर सवाल उठाने लगे.
शिक्षिका के साथ नोकझोंक
एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक स्कूल शिक्षिका को कार्यकर्ताओं ने रास्ते में रोक लिया. शिक्षिका जब स्कूल जा रही थीं, तब बीजेपी की महिला कार्यकर्ता उन्हें रोककर आरजेडी समर्थक बताने लगीं. दोनों पक्षों में नोकझोंक का ये वीडियो भी काफी चर्चा में है. सोशल मीडिया पर इसे लेकर विपक्षी दलों ने कहा कि एनडीए जनता को पढ़ाई-लिखाई और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं से भी रोक रहा है.
जनता का समर्थन नहीं मिला
बंद को लेकर सोशल मीडिया पर यह भी चर्चा रही कि आम जनता ने इस आंदोलन को समर्थन नहीं दिया. कई जगहों पर लोग सामान्य कामकाज में जुटे रहे. बावजूद इसके, कार्यकर्ता जबरन दुकानों और गाड़ियों को रोकने की कोशिश करते रहे.
वीडियो में यह भी दिखा कि लोग कार्यकर्ताओं से भिड़ते हुए कह रहे हैं कि उन्हें जबरन रोका जा रहा है.
युवक की पिटाई का वीडियो
जहानाबाद से एक और वीडियो सामने आया जिसमें बाइक सवार युवक और बंद समर्थकों के बीच विवाद हो गया. पहले तो दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, लेकिन बाद में मामला मारपीट तक पहुंच गया. वायरल वीडियो में एनडीए कार्यकर्ता युवक की पिटाई करते नजर आए. हालांकि, मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया.
एग्जाम भी नहीं जाने दिया गया
एक और वीडियो में दिख रहा है कि एक बच्ची का एग्जाम है और उसे जाने नहीं दिया जा रहा है. इसपर पीड़ित परिजन और बच्ची अपनी समस्या बता रहे हैं.
विपक्ष का पलटवार
वायरल वीडियोज को आरजेडी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करते हुए एनडीए पर सवाल उठाए हैं. आरजेडी नेताओं का कहना है कि एनडीए ने बंद को पूरी तरह हिंसक रूप दे दिया और जनता को परेशान करने का काम किया. अब यह मामला केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी जमकर चर्चा का विषय बना हुआ है.