बिहार की सियासत में दिखेगी दबंगई, मैदान में नजर आ सकते हैं ये बाहुबली

Bihar विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो चुकी है. जानकारी के अनुसार कई दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार चुनावी मैदान में कई बाहुबली नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी की है. इसी कड़ी में एक बार फिर से एक बार फिर 1990 के दौर की ओर लौटती दिख रही है.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 31 Jan 2025 8:19 PM IST

बिहार की राजनीति एक बार फिर 1990 के दौर की ओर लौटती दिख रही है. राज्य में सक्रिय दोनों प्रमुख गठबंधन एनडीए और महागठबंधन की चुनावी तैयारियों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं.

बिहार की राजनीति में बाहुबलियों की मौजूदगी एक बार फिर गहराने लगी है. वे या तो खुद चुनावी मैदान में उतरेंगे या अपने परिवार के लिए टिकट सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे. ऐसे में, आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की सियासी जमीन पर बाहुबलियों की गूंज जरूर सुनाई देगी.

एनडीए की रणनीति: बाहुबलियों पर दांव

एनडीए के प्रमुख दल जेडीयू के पास आनंद मोहन और अनंत सिंह जैसे बाहुबली हैं, जो खुद या अपने परिजनों के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, भाजपा भी सुनील पांडेय के बेटे को उम्मीदवार बनाएगी, जिन्होंने उपचुनाव में आरजेडी प्रत्याशी को हराया था. इसके अलावा एलजेपी (रामविलास) ने सिवान में रईस खां और उनके भाई को अपने खेमे में शामिल किया है, जिससे साफ है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी ताकत का उपयोग करेंगे.

महागठबंधन भी पीछे नहीं

महागठबंधन की रणनीति भी कुछ ऐसी ही दिख रही है. दिवंगत बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब भी आरजेडी से जुड़े हैं, जिससे संभावना बढ़ गई है कि उन्हें विधानसभा टिकट दिया जाएगा. उधर RJD और RLJP के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकी दही चूड़ा भोज के दौरान लालू प्रसाद यादव ने RLJP अध्यक्ष के कार्यक्रम में शिरकत की थी. जानकारी के अनुसार इस बार सूरजभान शिद्दत से खड़े हो सकते हैं.

चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी के पास हुलास पांडेय हैं. माना जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में उन्हें मैदान में उतारा जा सकता है. भाजपा और जेडीयू की तरह एलजेपी-आर भी इस बार बाहुबलियों पर दांव लगाने से पीछे नहीं रहना चाहती है.

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