असम तक पहुंची पहलगाम की गूंज, आतंकी हमले के सपोर्टर को छुड़ाने सड़क पर उतरी भीड़, कौन है पुलिस पर हमले का मास्टरमाइंड?

असम के लखीमपुर जिले में पहलगाम आतंकी हमले के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट करने के आरोपी को छुड़ाने के लिए पुलिस पर सुनियोजित हमला किया गया. लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने पुलिस टीम को घायल कर आरोपी को जबरन छुड़ा लिया. इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी फरार है. घटना के बाद इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.;

( Image Source:  sora ai )
Edited By :  नवनीत कुमार
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असम के लखीमपुर में हुई घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया पर आतंकी हिंसा का महिमामंडन किस तरह जमीनी कानून-व्यवस्था के लिए सीधा खतरा बन रहा है. पहलगाम आतंकी हमले के समर्थन में ऑनलाइन पोस्ट करने के आरोपी को छुड़ाने के लिए जिस तरह पुलिस पर संगठित हमला किया गया, उसने न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ाई है, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में कट्टरपंथी नेटवर्क की सक्रियता को भी उजागर किया है.

यह मामला केवल एक गिरफ्तारी या भीड़ की हिंसा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें योजनाबद्ध साजिश, आपराधिक पृष्ठभूमि और कथित बांग्लादेशी मूल के लोगों की भूमिका जैसे कई संवेदनशील पहलू जुड़े हैं. पुलिस का दावा है कि यह हमला अचानक नहीं, बल्कि पहले से तय रणनीति के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य आतंकी समर्थक कंटेंट पोस्ट करने वाले आरोपी को कानून के शिकंजे से बचाना था.

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कब हुई थी घटना?

घटना 27 दिसंबर को लखीमपुर के बोंगालमोरा इलाके में हुई. खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली थी कि बहारुल इस्लाम सोनापुर क्षेत्र में छिपा हुआ है. उस पर आरोप है कि उसने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए पहलगाम आतंकी हमले की तारीफ करते हुए पोस्ट डाली थीं. वह लंबे समय से फरार था और सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था.

भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर किया हमला

सूचना पुख्ता होने पर पुलिस टीम ने सोनापुर इलाके में दबिश देकर बहारुल इस्लाम को हिरासत में ले लिया. लेकिन जैसे ही टीम उसे लेकर निकलने लगी, 10 से अधिक लोगों की भीड़ ने रास्ता रोक लिया. लाठी-डंडों से लैस इस भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया, मारपीट की और आरोपी को जबरन छुड़ा ले गई.

अताबुर रहमान है मास्टरमाइंड

पुलिस के अनुसार, यह हमला अताबुर रहमान के नेतृत्व में किया गया था. जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने पहले से तैयारी कर रखी थी और पुलिस मूवमेंट की जानकारी उन्हें थी. इस हिंसक झड़प में सब-इंस्पेक्टर गोकुल जॉयश्री और वाहन चालक को गंभीर चोटें आईं, जबकि कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए.

10 आरोपी गिरफ्तार

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. सोमवार को 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें अफाजुद्दीन, इकरामुल हुसैन, फखरुद्दीन अहमद, नूर हुसैन, गुलजार हुसैन, नजरुल हक, काजिमुद्दीन, एमडी अब्दुल हमीद, बिलाल हुसैन और मुख्य साजिशकर्ता अताबुर रहमान शामिल हैं.

पहले से ही है क्राइम रिकॉर्ड

पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए कई आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से मौजूद है. खुद बहारुल इस्लाम को पहले फर्जी सोने के कारोबार के एक मामले में भी पकड़ा जा चुका है. भीड़ द्वारा छुड़ाए जाने के बाद वह फिर से अंडरग्राउंड हो गया है, लेकिन पुलिस का दावा है कि उसकी तलाश तेज कर दी गई है.

इलाके में तनाव

घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस साजिश में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां होंगी. यह मामला असम में आतंकी विचारधारा के ऑनलाइन प्रचार और उससे जुड़ी जमीनी हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करता है.

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