'जुबिन को दिया गया जहर', Zubeen Garg Death Case को लेकर सिंगापुर गए दोस्त ने क्या-क्या किए खुलासे? किन पर लगाया ये आरोप

ज़ुबिन गर्ग की मौत को लेकर नया मोड़ आया है, सिंगापुर गए उनके एक करीबी दोस्त ने दावा किया कि ज़ुबिन को जहर दिया गया था. उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए और कुछ लोगों पर सीधे आरोप लगाए. मामला अब हत्या की ओर इशारा कर रहा है, जिससे फैंस और परिवार में आक्रोश है. बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने जहर का आरोप सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकानु महांता पर लगाया है.;

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By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 4 Oct 2025 12:01 AM IST

देश के फेमस गायक जुबिन गर्ग की मौत के मामले को लेकर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा सामने आया है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, रिमांड नोट्स में उनके बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी का बयान सामने आया है. गोस्वामी ने दावा किया है कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश थी, जिसमें जुबिन को ज़हर देकर मौत के घाट उतारा गया और बाद में इसे दुर्घटना की तरह दिखाने की कोशिश की गई.

गौरतलब है कि जुबिन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर में भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों के 60 साल और इंडिया-आसियान ईयर ऑफ टूरिज्म के अवसर पर गए थे. वहीं पैन पैसिफिक होटल और एक प्राइवेट यॉट पर हुए घटनाक्रम के बाद उनकी मौत हुई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कारण डूबने (drowning) को बताया गया था, लेकिन अब गवाह के बयान ने पूरे मामले को हत्या की साजिश की ओर मोड़ दिया है.

गवाह का दावा: जहर देकर की गई हत्या

बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने दो लोगों सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकानु महांता, पर जुबिन को जहर देने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सिंगापुर को लोकेशन चुनने का मकसद ही यह था कि हत्या को छिपाया जा सके और मौत को हादसा बताया जाए. गोस्वामी के मुताबिक, सिंगापुर में यॉट पर सवार होने के दौरान सिद्धार्थ शर्मा ने जबरन नियंत्रण लिया और यात्रियों की जान खतरे में डाल दी. जब जुबिन गर्ग की हालत बिगड़ी और वे मुंह-नाक से झाग छोड़ने लगे, तब भी शर्मा ने मदद करने के बजाय कहा- 'जाबो दे, जाबो दे' (मत बचाओ, जाने दो).

'एसिड रिफ्लक्स' बताकर टाली मदद

गोस्वामी का आरोप है कि शर्मा ने जुबिन की गंभीर हालत को सिर्फ एसिड रिफ्लक्स बताकर टाल दिया और मेडिकल मदद लेने से बचा. इस लापरवाही की वजह से उनकी हालत और तेजी से बिगड़ गई और अंततः उनकी जान चली गई. गवाह ने कहा कि शर्मा ने पहले ही तन्मय फुकन को शराब की व्यवस्था न करने का आदेश दिया था और कहा था कि सिर्फ वही ड्रिंक्स देगा. इतना ही नहीं, यॉट पर जुबिन के लिए शराब और महिलाओं की व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं, जिसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

'जुबिन एक्सपर्ट स्विमर थे, डूबना नामुमकिन'

गोस्वामी ने जोर देकर कहा कि जुबिन गर्ग एक एक्सपर्ट स्विमर थे और उनका इस तरह डूबकर मरना बिल्कुल असंभव है. यह बात भी इस घटना के पीछे गहरी साजिश की ओर इशारा करती है. आरोप है कि शर्मा ने गोस्वामी को चेतावनी दी थी कि यॉट पर हुई घटना का कोई भी वीडियो फुटेज किसी को न दिखाएं. इससे साफ है कि सबूतों को मिटाने और सच्चाई छिपाने की पूरी कोशिश की गई.

कोर्ट रिमांड और CID की जांच

News18 में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ने कोर्ट रिमांड नोट भी एक्सेस किया है. इसमें दर्ज है कि बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महांता को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया. पुलिस ने अदालत से अनुरोध किया था कि आरोपियों के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, फोन और यॉट के फुटेज को जब्त कर जांच की जाए. अदालत ने यह अनुमति देते हुए केस को CID के हवाले कर दिया है ताकि मामले की गहराई से पड़ताल की जा सके.

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद गौरव गोगोई ने शुक्रवार को शिवसागर ज़िला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित कैंडललाइट मार्च का नेतृत्व किया. यह मार्च मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत पर न्याय की मांग को लेकर निकाला गया, जिनका निधन हाल ही में सिंगापुर में स्कूबा-डाइविंग हादसे में हुआ था. गोगोई ने कहा, “आज असम के अलग-अलग हिस्सों में हम सड़कों पर आम नागरिकों के साथ कैंडल मार्च निकालकर जुबिन गर्ग की हत्या के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं.

बीते कुछ दिनों में देखा गया है कि असली दोषियों को समय दिए जाने की वजह से उनमें से कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने में सफल रहे हैं. कई अहम सबूत आज भी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. इसी कारण आने वाले दिनों में हम असम के गांव-गांव और शहरों में ऐसे मार्च निकालेंगे ताकि जुबिन गर्ग को न्याय मिल सके.”

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