जुबिन गर्ग केस में नया ट्विस्ट! भाई को लेकर मिले ढेरों RTI आवेदन तो असम के पूर्व डीजीपी ने CIC के पद से दे दिया इस्तीफा
असम के गायक ज़ुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत मामले में नया मोड़ आया है. राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महंता ने इस्तीफा दे दिया है, उनके भाई और कार्यक्रम आयोजक श्यामकानू महंता की गिरफ्तारी के बाद. उन पर हत्या, साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं, जबकि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे हत्या बताया है.;
असम के मशहूर गायक ज़ुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत के मामले में एक और बड़ा मोड़ आ गया है. राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और पूर्व पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने यह फैसला तब लिया जब उनके भाई श्यामकानू महंता, जो उस म्यूज़िक फेस्टिवल के आयोजक थे जिसमें ज़ुबीन को परफॉर्म करना था, इस केस में गिरफ्तार किए गए.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने "हितों के टकराव" (Clash of Interest) का हवाला देते हुए उनके इस्तीफे की सिफारिश की थी. इस पूरे घटनाक्रम ने असम की सियासत और पुलिस प्रशासन दोनों में हलचल मचा दी है.
सिंगापुर में मिली थी ज़ुबीन गर्ग की लाश
19 सितंबर को सिंगापुर के तट पर प्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गर्ग का शव बरामद किया गया था. यह वही दिन था जब उन्हें एक म्यूज़िक फेस्टिवल में स्टेज पर परफॉर्म करना था. अब तक इस मामले में कुल सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें श्यामकानू महंता भी शामिल हैं.
आरोप- हत्या से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग तक
श्यामकानू महंता पर हत्या (Murder), गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide), लापरवाही से मौत का कारण बनने (Death by Negligence) और आपराधिक साजिश (Criminal Conspiracy) जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. इसके अलावा, उन पर बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति अर्जन की जांच भी चल रही है.
पुलिस अफसर और बैंड मैनेजर भी गिरफ्तार
गिरफ्तार अन्य लोगों में ज़ुबीन गर्ग के चचेरे भाई संदीपन गर्ग, जो असम पुलिस में डिप्टी एसपी हैं, और उनके बैंड मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा का नाम भी शामिल है. साथ ही, ज़ुबीन के दो निजी सुरक्षा कर्मी - नंदेस्वर बोऱा और परेश बैश्य- भी हिरासत में लिए गए हैं. इन दोनों के बैंक खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन पाए गए हैं, जिन्हें जांच एजेंसियां इस केस से जोड़कर देख रही हैं.
जांच SIT के हवाले, चार्जशीट 17 दिसंबर तक
सभी आरोपी 11 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ कहा है कि “ज़ुबीन गर्ग की मौत एक हत्या थी, हादसा नहीं.” उन्होंने वादा किया है कि 17 दिसंबर से पहले इस मामले की चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी. इस मामले की जांच एक 10 सदस्यीय विशेष टीम (SIT) कर रही है, जिसका नेतृत्व स्पेशल डीजीपी मुन्ना गुप्ता कर रहे हैं.
फार्मा ड्रग्स से जुड़ा नया एंगल
पिछले महीने सिंगापुर अथॉरिटीज़ ने भारत को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपी थी. SIT अब ज़ुबीन की मौत से पहले के आखिरी 48 घंटे की टाइमलाइन तैयार कर रही है. जांच में यह भी सामने आया है कि ज़ुबीन के बैग से फार्मास्यूटिकल ड्रग्स बरामद हुई थीं, जिससे शक और गहरा गया है कि उनकी मौत के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र छिपा है.