अंधविश्वास के नाम पर खूनी खेल, गांव वालों ने पहले पति-पत्नी पर धारदार हथियार से किया हमला, फिर घर के अंदर जिंदा जलाया

असम के कार्बी आंगलोंग जिले से सामने आई यह घटना इंसानियत को झकझोर देने वाली है. 21वीं सदी में भी अंधविश्वास किस कदर जानलेवा बन सकता है, इसकी एक खौफनाक मिसाल मंगलवार रात देखने को मिली. जादू-टोना करने के शक में एक मासूम दंपति को गांव वालों ने ऐसी सजा दी, जिसे सुनकर रूह कांप उठती है.;

( Image Source:  AI SORA )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 31 Dec 2025 5:01 PM IST

अंधविश्वास एक बार फिर इंसानियत पर भारी पड़ गया. असम के कार्बी आंगलोंग में जादू-टोना और अफवाहों के जाल में फंसे गांव वालों ने ऐसी हैवानियत को अंजाम दिया, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया. जादू-टोने के शक के नाम पर पहले पति-पत्नी पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला किया गया.

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इतना ही नहीं, फिर उन्हें उनके ही घर के अंदर बंद कर आग के हवाले कर दिया गया. यह दिल दहला देने वाली घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में आज भी जड़ जमाए अंधविश्वास की भयावह सच्चाई को उजागर करती है.

अंधविश्वास की आग में जला पूरा परिवार

मंगलवार की रात हाउराघाट इलाके के नंबर-1 बेलोगुरी मुंडा गांव में सब कुछ सामान्य लग रहा था. लेकिन अचानक गांव में फैली कुछ अफवाहों ने माहौल को जहरीला बना दिया. लोगों ने एक दंपति पर जादू-टोना करने और गांव को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे शक गुस्से में बदला और फिर हिंसा ने विकराल रूप ले लिया.

पहले किया हमला फिर जिंदा जलाया

पुलिस के अनुसार, उग्र भीड़ ने पहले दंपति के घर में घुसकर धारदार हथियारों से उन पर हमला किया. जब इतना भी उनकी नफरत को शांत नहीं कर पाया, तो उन्होंने घर को ही आग के हवाले कर दिया. आग की लपटों में घिरे घर से निकलने का कोई मौका नहीं मिला और दोनों की वहीं जलकर दर्दनाक मौत हो गई. इस अमानवीय घटना में जान गंवाने वालों की पहचान गार्डी बिरोवा (43) और उनकी पत्नी मीरा बिरोवा (33) के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि दोनों साधारण जीवन जी रहे थे, लेकिन अंधविश्वास के चलते उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

हरकत में प्रशासन, जांच शुरू

घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सिविल प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. पूरे गांव में तनाव का माहौल है और आरोपियों की तलाश के लिए सघन जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि यह इलाका लंबे समय से अंधविश्वास की गिरफ्त में है. यहां अफवाहें सच से ज्यादा ताकतवर बन जाती हैं और इसी का नतीजा यह भयावह वारदात है. कानून के तहत न सिर्फ हत्या, बल्कि जादू-टोना से जुड़े आरोप भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आते हैं.

सोच बदलने की जरूरत

यह घटना एक कड़वा सच उजागर करती है कि कानून और विकास के बावजूद अगर सोच नहीं बदली, तो ऐसी त्रासदियां दोहराती रहेंगी. अंधविश्वास की आग में झुलसती इंसानियत को बचाने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे.

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