प्रेग्नेंसी के 26 हफ्ते बाद गर्भपात करा सकेगी नाबालिग; गुवाहाटी HC ने सुनाया फैसला
असम के तिनसुकिया जिले में एक नाबालिग के साथ बलात्कार हुआ था. इसके कारण वह 14 साल की उम्र में गर्भवती हो गई. अब गुवाहाटी हाई कोर्ट ने इस मामले पर ऐतिहासिक फैसला लिया है.;
गुवाहाटी के हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया है, जिसमें उन्होंने बलात्कार की शिकार 14 साल की नाबालिग को अबॉर्शन का आदेश दिया है. यह मामला असम के तिनसुकिया जिले का है. नवंबर के महीने में समाचार रिपोर्ट में लड़की के साथ हुए इस दुष्कर्म का मामला उजागर किया गया था. इसके बाद अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की.
इस समय नाबालिग लड़की 23 हफ्ते की प्रेग्नेंट थी. यह निर्देश मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट 1971 के अंतर्गत पीड़िता की हेल्थ और राइट्स की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले में आया है.
क्या है मामला?
तिनसुकिया जिले की रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ 7 लोगों ने गैंग रेप किया, जिसमें 4 नाबालिग शामिल हैं. यह बात उस समय की है, जब लड़की अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी. जहां ये लोग बच्ची को बहला-फुसलाकर एक सुनसान जगह पर ले गए. इसके बाद उसके साथ बारी-बारी से बलात्कार किया.
सरकार उठाएगी सारा खर्चा
हाई कोर्ट ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी) के साथ कॉर्डिनेशन में तिनसुकिया के जिला मेडिकल बोर्ड को प्रोसीजर फॉलो करने के लिए मेडिकल एक्सपर्ट्स की एक टीम बनाने के लिए कहा है. असम सरकार पोस्ट प्रोसीजर और किसी भी एडिशनल हेल्थ केयर की जरूरतों सहित सभी मेडिकल और एक्सपेंस देगा. तिनसुकिया डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के किए गए कोशिशों के बाद लड़की के माता-पिता और अभिभावकों ने प्रक्रिया के लिए अपनी सहमति दी है.
कोर्ट ने कही ये बात
वर्तमान में लड़की आश्रय गृह में रह ही है. साथ ही, नाबालिग ने भी गर्भपात के लिए हामी भरी है. जस्टिस कल्याण राय सुराना और न्यायमूर्ति सुस्मिता फुकन खांड की डिवीजन बेंच ने स्थिति की गंभीरता को उजागर करते हुए कहा कि नाबालिग की उम्र, गर्भावस्था की अवधि और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए गर्भपात लड़की के हित में था.
आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
नाबालिग के साथ गैंग रेप हुआ था. इस दुष्कर्म में शामिल सात आरोपियों को पिछले महीने गिरफ्तार किया. अब अपराधियों के खिलाफ कोर्ट सख्त कानूनी कदम उठाएगी. 7 दिसंबर को प्रस्तुत मेडिकल बोर्ड की क्लीनिकल रिपोर्ट की आगे समीक्षा की जाएगी.