8 साल की बच्‍ची को अकेला देख शख्स ने किया रेप, हत्‍या कर घास-फूस से छुपाया शव; मां की हत्‍या के मामले में आरोपी काट चुका है जेल

नाबालिग के साथ रेप के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. हाल ही में असम के डिब्रूगढ़ जिले में चाय बागान में लकड़ी इकट्ठा करती मासूम बच्ची का रेप किया गया. हालांकि, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पहले भी अपराध कर चुका है.;

( Image Source:  AI Perplexity )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 12 Aug 2025 12:17 PM IST

डिब्रूगढ़ जिले के एक छोटे से चाय बागान से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यह हादसा शनिवार को नामरूप थाना क्षेत्र के कचारी पाथर इलाके में हुआ. जहां एक 8 साल की मासूम बच्ची का शख्स ने बलात्कार किया. इतना ही नहीं, फिर लड़की की हत्या कर घास-फूस से उसका शव छुपा दिया.

हैरानी की बात यह है कि आरोपी अपनी मां की हत्या के मामले में जेल जा चुका है और कुछ साल पहले ही वह रिहा हुआ था, लेकिन अच्छी बात यह है कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

लकड़ी इकट्ठा करने गई थी मासूम

उस दिन बच्ची की चाय बागान में लकड़ियां इकट्ठा कर रही थी, लेकिन उसे क्या पता था कि उस बागान में एक दरिंदा भी मौजूद है, जो मौके की तलाश में था. आरोपी पास ही मछली पकड़ रहा था. जब उसने बच्ची को अकेला देखा, तो उसने घात लगाई. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पहले बच्ची के साथ घिनौना काम किया और फिर उसकी हत्या कर दी.

शव को छिपाने की नापाक कोशिश

अपने अपराध को छिपाने के लिए आरोपी ने बच्ची के शव को घास-फूस से ढका और उसे एक नाले में छिपा दिया. पर अपराध की परतें ज्यादा देर छिप नहीं सकीं. जब बच्ची देर शाम तक घर नहीं लौटी, तो उसके माता-पिता ने पड़ोसियों के साथ मिलकर उसकी तलाश शुरू की. उनकी बेचैनी तब और बढ़ गई जब काफी देर तक कोई सुराग नहीं मिला. आखिरकार पुलिस को सूचना दी गई.

बच्ची का मिला शव 

रात करीब 8:40 बजे गांव वालों को वह दृश्य देखने को मिला जिससे हर आंख नम हो गई. बच्ची का शव नाले से बरामद हुआ. एक गांव, जो कभी चाय की खुशबू और बच्चों की किलकारियों से गूंजता था, अब सन्नाटे में डूब गया.

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

जब आरोपी भागने की कोशिश कर रहा था, तो स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. पूछताछ में एक चौंकाने वाला सच सामने आया. वह पहले भी एक गंभीर अपराध कर चुका था. उसने अपनी मां की हत्या की थी और उस जुर्म में 14 साल जेल में रहा. तीन साल पहले ही वह जेल से रिहा हुआ था.नामरूप के डीएसपी प्रसेनजीत दास ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल आरोपी पुलिस हिरासत में है और जांच जारी है.

न्याय की पुकार

यह घटना न केवल एक मासूम की जिंदगी को छीन लेने वाली है, बल्कि पूरे समाज को झकझोर देने वाली भी है. सवाल यह है कि क्या ऐसे अपराधियों को समय रहते समाज से दूर नहीं किया जाना चाहिए था? और क्या हमारी व्यवस्था में कोई बदलाव जरूरी नहीं है, जिससे ऐसे लोग दोबारा बाहर न आ सकें?

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